नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) थल सेना अग्रिम मोर्चे के सैनिकों की संचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 5जी सेवा का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है, जो सामरिक युद्धक्षेत्र में आवश्यक होगी। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हाल में सशस्त्र बलों में 5जी के क्रियान्वयन पर एक संयुक्त सेवा ने अध्ययन किया तो थल सेना के लिए इसे सबसे जरूरी माना गया। अध्ययन पूरा हो गया है और इसकी सिफारिशों का अध्ययन सेना के तीनों अंगों- थल सेना, नौसेना, वायु सेना द्वारा किया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना सामरिक युद्धक्षेत्र में अभियानों में सहयोग के लिए 5जी का इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि उच्च बैंडविड्थ और 5जी का बेहतर नेटवर्क अग्रिम मोर्चे के सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण संचार सेवा के काफी अनुकूल है।
एक अगस्त को, देश में 5जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी में 1.5 ट्रिलियन रुपये की रिकॉर्ड बोली लगी। इसमें मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने 88,078 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गए सभी एयरवेव्स का लगभग आधा हिस्सा हासिल किया।
भाषा आशीष पवनेश
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