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Saturday, 16 November, 2024
होमदेशकैग पर गोयल की सफाई, कहा- 7वें वेतन आयोग के लागू होने से रेलवे पर बढ़ा 22000 करोड़ का भार

कैग पर गोयल की सफाई, कहा- 7वें वेतन आयोग के लागू होने से रेलवे पर बढ़ा 22000 करोड़ का भार

रेल मंत्री ने कहा कि यह तय करने का समय आ गया कि सामाजिक दायितत्व को अलग करके देखा जाना चाहिए. जिसके लिए सरकार अलग से बजट में प्रावधान करती है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेल के परिचालन खर्च में हुई बढोत्तरी के संबंध में लोकसभा में कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद खर्च में ज्यादा वृद्धि हुई है.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के पूरक प्रश्न के जवाब में कहा, सातवें वेतन आयोग के कारण रेलवे विभाग पर 22 हजार करोड़ के खर्च भार बढ़ गया था. जो कि विभाग के एकत्रित कुल राजस्व का 10 प्रतिशत है. रेलवे पूर्वोत्तर, रक्षा से जुड़े क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में बड़े निवेश कर रहा है. इस निवेश वाले क्षेत्रों से लागत की वसूली संभव नहीं हो सकती है. इसके अलावा परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान की है.

गोयल ने लोकसभा में कहा जब इन सभी को मोटे तौर पर देखते है तो यह खर्च परिचालन अनुपात (ऑपरेटिंग रेशियो) में जोड़ कर नहीं देख सकते है. यह सरकार चलाने की सामाजिक प्रतिबद्धता है. इससे भारत के लोगों की सेवा होती है.जब छठा वेतन आयोग लागू हुआ तो उस वक्त भी परिचालन खर्च में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई थी. वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर परिचालन खर्च में बढ़ोतरी एक सामान्य चलन है.

रेल मंत्री ने कहा कि यह तय करने का समय आ गया कि सामाजिक दायितत्व को अलग करके देखा जाना चाहिए. जिसके लिए सरकार अलग से बजट में प्रावधान करती है. जब हमारे पास भारी तौर पर विदेशी निवेश आता है तो इससे आर्थिक गति​विधियों को बल मिलता है. लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर काम मिलता है.

हाल ही में संसद में पेश ​की गई नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार पिछले दस वर्षों में 2017-18 में भारतीय रेल का परिचालन अनुपात (ओआर) सबसे खराब दर्ज किया गया है. वित्त वर्ष 2017-18 में परिचालन दर 98.44 प्रतिशत दर्ज किया गया जो पिछले 10 वर्षो में सबसे खराब है. इसके साथ ही कैग ने सिफारिश की है कि रेलवे को आंतरिक राजस्व बढ़ाने के लिए उपाय करने चाहिए ताकि सकल और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता कम की जा सके. रेलवे में इस परिचालन अनुपात (ओआर) का तात्पर्य यह है कि रेलवे ने 100 रूपये कमाने के लिये 98.44 रूपये व्यय किये. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेल का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत रहने का मुख्य कारण संचालन व्यय में उच्च वृद्धि है.

कैग की रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि रेलवे को आंतरिक राजस्व बढ़ाने के लिए उपाय करने चाहिए ताकि सकल और अतिरिक्त बजटीय संसाधनों पर निर्भरता रोकी जा सके. इसमें सिफारिश की गई है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान रेल द्वारा वहन किए गए पूंजीगत व्यय में कटौती हुई है. रेलवे पिछले दो वर्ष में आईबीआर-आईएफ के तहत जुटाए गए धन को खर्च नहीं कर सका. रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे बाजार से प्राप्त निधियों का पूर्ण रूप से उपयोग करना सुनिश्चित करे.

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