scorecardresearch
Tuesday, 24 December, 2024
होमदेशयमुना किनारे की जमीन को डीडीए को अपने नियंत्रण में लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका खारिज

यमुना किनारे की जमीन को डीडीए को अपने नियंत्रण में लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका खारिज

Text Size:

नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को यमुना नदी के किनारे की जमीन को कब्जे में लेने से रोकने के अनुरोध वाली एक किसान संगठन की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह जमीन पर जमे रहने का प्रयास है जबकि वे जमीन के अवैध कब्जाधारक माने जाते हैं।

अदालत ने कहा कि चूंकि रिकॉर्ड से पता चलता है कि याचिकाकर्ता संगठन (यमुना बैंक किसान बचाओ मोर्चा) के सदस्य गैरकानूनी रूप से कब्जा किये हुए हैं, इसलिए डीडीए द्वारा फसल को नुकसान पहुंचाने के आधार पर मुआवजे की राहत पाने योग्य नहीं हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा कि संगठन के सदस्यों ने उच्चतम न्यायालय को दिए गए हलफनामे का उल्लंघन किया है कि वे दिसंबर 2019 तक क्षेत्र खाली कर देंगे।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, ”यह रिट याचिका और कुछ नहीं बल्कि कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है और याचिकाकर्ता संगठन के सदस्यों द्वारा जमीन पर जमे रहने का एक और प्रयास है, जबकि उन्हें पहले से ही अवैध कब्जाधारक ठहराया जा चुका है।”

उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि संगठन का दावा है कि उसके सदस्य किसान हैं, इसलिए अदालत याचिकाकर्ता पर जुर्माना नहीं लगा रही और याचिका खारिज करती है।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments