scorecardresearch
शुक्रवार, 25 अप्रैल, 2025
होमदेशबीएनएस कानून में आईपीसी की धारा 377 के समान प्रावधान बाहर करने के खिलाफ याचिका खारिज की गई

बीएनएस कानून में आईपीसी की धारा 377 के समान प्रावधान बाहर करने के खिलाफ याचिका खारिज की गई

Text Size:

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) से अप्राकृतिक यौन संबंध के अपराधों के लिए दंडात्मक प्रावधानों को बाहर करने के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

बीएनएस ने ब्रिटिशकालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का स्थान लिया है।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा संसद के क्षेत्राधिकार में आता है और वह इस मामले में कोई निर्देश नहीं दे सकती।

पीठ ने याचिकाकर्ता को इस मुद्दे पर सरकार से संपर्क करने की अनुमति देते हुए कहा, ‘‘हम संसद को कानून बनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।… अनुच्छेद 142 के तहत यह अदालत यह निर्देश नहीं दे सकती कि कोई विशेष कृत्य अपराध है। यह कार्य संसदीय क्षेत्राधिकार में आता है।’’

आईपीसी की धारा 377 के तहत दो वयस्कों के बीच गैर-सहमति से ‘अप्राकृतिक यौन संबंध’, नाबालिगों के साथ यौन क्रियाएं और पशुगमन को दंडित किया जाता है।

उच्चतम न्यायालय ने हालांकि, छह सितंबर, 2018 को दो वयस्कों के बीच सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था।

आईपीसी की जगह लेने वाला बीएनएस एक जुलाई, 2024 से लागू हुआ था।

शीर्ष अदालत पूजा शर्मा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बीएनएस के अधिनियमन से उत्पन्न ‘‘आवश्यक कानूनी खामियों’’ को दूर करने की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया है, ‘‘प्रतिवादी (अधिकारियों) की ओर से की गई चूक के कारण गैर-सहमति वाले अप्राकृतिक यौन संबंधों के पीड़ितों के लिए कोई कानूनी उपाय उपलब्ध नहीं है।’

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगस्त, 2024 में हाल ही में लागू बीएनएस से अप्राकृतिक यौन संबंध के अपराधों के लिए दंडात्मक प्रावधानों को बाहर करने पर केंद्र से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था।

अदालत ने कहा था कि विधायिका को गैर-सहमति वाले अप्राकृतिक यौन संबंधों के मुद्दे का भी ध्यान रखना चाहिए।

भाषा सुरेश रंजन

रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments