शिलांग, 14 अगस्त (भाषा) मेघालय सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बाड़ लगाने की अनुमति देने के लिए राजी करे, ताकि बाड़ वाले क्षेत्र से बाहर के गांवों को छोड़े बिना 40 किलोमीटर के बिना बाड़ वाले हिस्से को सुरक्षित किया जा सके। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसॉन्ग ने दी।
अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार, सीमा पर बाड़ किसी देश की सीमा के 150 गज अंदर तक लगाई जाती है।
उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसॉन्ग ने यह भी कहा कि मेघालय के मामले में सीमा पर बाड़ लगाने से, इसके परिणामस्वरूप कई गांव ‘नो मैन्स लैंड’ (जहां किसी देश का अधिकार नहीं होता) के अंतर्गत आ जाएंगे या बाड़ के बाहर आ जाएंगे, जिससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
तिनसॉन्ग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने गृह मंत्रालय के समक्ष इस मामले को उठाया है और उससे आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश सरकार को समझाए कि इस वास्तविकता के कारण हमें सीमा के मुख्य स्तंभ के करीब जाने दिया जाए, ताकि हम गांव के बाहर बाड़ लगाने से बच सकें।’’
तिनसॉन्ग जो मेघालय के गृह मंत्री भी हैं, ने हाल ही में घुसपैठ के प्रयास और उसके बाद बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा की समीक्षा के लिए बुधवार को गृह विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की।
उपमुख्यमंत्री के अनुसार, ऐसी व्यवस्था से गांवों को नुकसान पहुंचाए बिना उनकी सुरक्षा होगी।
उन्होंने कहा कि 40 किलोमीटर लंबी बिना बाड़ वाली सीमा के भीतर कई बस्तियां हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार सख्ती से बाड़ लगाने पर खतरे में पड़ जाएंगी।
बाड़ लगाने की यह कोशिश रोंगदांगई गांव में हुई एक घटना के बाद की गई है, जहां बांग्लादेश पुलिस के एक कांस्टेबल के नेतृत्व में एक सशस्त्र गिरोह के छह सदस्यों ने कथित तौर पर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर स्थानीय दुकानदार पर हमला किया और नकदी तथा कीमती सामान लूट लिया था।
तिनसॉन्ग ने कहा कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को पूर्वी जयंतिया हिल्स से लेकर गारो हिल्स के दालू तक संपूर्ण भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
भाषा सुमित मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.