पुणे(महाराष्ट्र), एक जुलाई (भाषा) एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने पर सतारा जिला स्थित उनके गांव के निवासियों ने पटाखे जलाये और अपनों घरों के ऊपर पारंपरिक ‘गुड़ी’ (विजय पताका) लगाये।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि अब उनके गांव में बेहतर बुनियादी ढांचा होगा और उनके बच्चों को छठी कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए नदी पार कर (उच्च) विद्यालय नहीं जाना पड़ेगा। बृहस्पतिवार शाम शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाये जाने की घोषणा होते ही गांव में जश्न मनाना शुरू हो गया।
शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व से बगावत कर राज्य में बुधवार को महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरा दी। शिंदे ने बृहस्पतिवार को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
गुड़ी को मराठी नव वर्ष (मार्च-अप्रैल) के पहले दिन घरों के ऊपर लगाया जाता है। बृहस्पतिवार को गांव में एक बार फिर से गुड़ी लगाया गया।
शिंदे (58) को ज़मीनी स्तर का नेता माना जाता है जो मुंबई के पास स्थित ठाणे से राजनीति में आए और सत्ता के शिखर पर पहुंचे। वह दरे ताम गांव से ताल्लुक रखते हैं जो राज्य की राजधानी मुंबई से करीब 300 किलोमीटर दूर कोयना नदी के तट पर स्थित है।
उन्होंने गांव में ही शिक्षा हासिल की थी और फिर अपने परिवार के साथ मुंबई चले गए थे।
स्थानीय निवासी और शिवसेना पदाधिकारी गणेश उतेकर ने कहा, “ जिस क्षण शिंदे साहेब का नाम अगले मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित किया गया, लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। मिठाइयां बांटी गईं, एक दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाया गया, गांव के देवता को नारियल चढ़ाया गया, आरती उतारी गई और शिंदे के समर्थन में नारे लगाए गए।”
एक महिला ने कहा, “हमने अपने घरों के ऊपर गुड़ी लगाया है और बाहर रंगोली बनाई है। हम खुश हैं कि हमारे “दादा ” मुख्यमंत्री बन गए हैं।”
शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ शिंदे की बगावत के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय देवता से प्रार्थना की थी और ‘अभिषेक’ अनुष्ठान किया था ताकि उनके रास्ते में आने वाली सारी अड़चने दूर हो जाए।
ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि अब वे तेज़ी से विकास होते देख सकेंगे।
एक शख्स ने कहा कि गांव में बेहतर सड़कों और अन्य अवसंरचना की जरूरत है जबकि एक महिला ने कहा कि बच्चों को छठी कक्षा के बाद उच्च विद्यालय के लिए नदी पार जाना पड़ता है।
एक अन्य निवासी ने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत कैबिनेट में शहरी विकास मंत्री रहते हुए शिंदे ने सुनिश्चित किया था कि गांव में कुछ विकास कार्य हो।
उन्होंने उम्मीद जताई कि स्थानीय स्कूल को 12वीं कक्षा तक उत्क्रमित कर दिया जाएगा।
भाषा नोमान सुभाष
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