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Friday, 22 November, 2024
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पटना में बारिश और बाढ़ ने ली कई जानें, वायुसेना से मांगी गई मदद

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सतेंद्र नारायण सिंह एवं जीतन राम मांझी के घरों में भी पानी घुस गया है

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नई दिल्ली: बिहार समेत उत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों भारी बारिश की वजह से परेशानी झेल रहे हैं. खासकर बिहार की राजधानी पटना में पिछले 3-4 दिनों से लगातार हुई बारिश से बुरा हाल है. भारी बारिश की वजह से पटना की सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनी हुई है जिसकी वजह से वहां के कई इलाके पानी में डूब गए हैं. राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, एसके पुरी, गांधी मैदान जैसे क्षेत्रों में पानी भर जाने से भारी नुकसान की खबर है. कई न केवल इन क्षेत्रों में बल्कि राज्य के नेताओं के घरों में भी पानी भर चुका है.

फिलहाल सोमवार सुबह से पटना में बारिश रुकी हुई है. लेकिन जमा पानी कैसे निकलेगा यह बड़ा सवाल बना हुआ है.

वायु सेना की ली जा रही है मदद

पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से बिहार के कुछ शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, पानी से प्रभावित क्षेत्रों में खाना, दवा आदि पहुंचाने के लिए बिहार सरकार ने भारतीय वायु सेना से दो हेलिकॉप्टर की मांग की है.

बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव पी अमृत ने कहा कि, ‘हम बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीने के पानी पहुंचाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. हम बिजली पहुंचाने की कोशिश भी कर रहे हैं. हमने कोल इंडिया से 2 पंपिंग मशीन भी मांगी है जिससे शहर में जमा पानी को जल्द से जल्द निकाला जा सके.’

बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की 19 टीमों को राहत के काम में लगाया गया है. एनडीआरएफ की टीम बाकी एजेंसियों के साथ मिलकर राहत कामों में जुटी हुईं हैं.

एनडीआरएफ की टीम पटना के निचले इलाको में राहत के काम में जुटी है. लगातार बारिश की वजह से अभी तक 29 लोगों की मौत की खबर है जबकि 235 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. एनडीआरएफ की टीम ने 2 लोगों की जान भी बचाई है और 4945 लोगों समेत 45 मवेशियों को भी बचाया है.

 

प्राकृतिक आपदाएं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता

मुख्यमंत्री ने  मीडिया से बातचीत में कहा, ‘ये प्राकृतिक आपदाएं हैं और इनके ऊपर किसी का नियंत्रण नहीं होता है.’ हालांकि, उन्होंने सबके लिए पीने के पानी की व्यवस्था से लेकर सामुदायिक किचन के जरिए लोगों की मदद का भरोसा दिलाया.

राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में सोमवार को मूसलाधार बारिश से उत्पन्न हुई स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की. और उन्होंने सरदार पटेल भवन, पटना में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से राज्य भर में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली.

पूरे उत्तर भारत में बारिश के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत

भारी बारिश से जूझ रहे बिहार समेत देश के अन्य राज्यों में पिछले पांच दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं. इसमें सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं.

राजधानी पटना की जैसी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आ रही हैं उन्हें देख कर साफ है कि राजधानी के लगभग तमाम इलाके कमर से सीने तक पानी में डूबे हुए हैं.

नेताओं के घर भी हुए जलमग्न

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सतेंद्र नारायण सिंह एवं जीतन राम मांझी के घरों में भी पानी घुस गया है. बाढ़ और बारिश की वजह से उत्तर बिहार के कई जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गो के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट है. राज्य में कई जगह बाढ़ का पानी घरों, दुकानों और अस्पतालों में घुस गया है. बारिश की वजह से ट्रेनों की आवाजाही, सड़क परिवहन और विमान के संचालन पर असर पड़ा है. लंबी दूरी की 12 ट्रेनों और कई यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार, पानी बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के राजेंद्र नगर स्थित आवास में भी घुस गया है. इसके अलावा पानी पटना में बोरिंग रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री सतेंद्र नारायण सिंह, भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूड़ी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास में भी घुस गया है.

बढ़ा नदियों का जलस्तर

गंगा, कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा जैसी बड़ी नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे कई जगहों पर बांध टूटने का खतरा पैदा हो गया है. जल संसाधन विभाग ने संबंधित अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है और जिला अधिकारियों से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है. केंद्र ने पहले से ही खतरनाक जगहों पर बचाव व राहत अभियानों के लिए राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल और राज्य आपदा अनुक्रिया बल को तैनात कर दिया है. मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, राजधानी पटना में शनिवार से 151 मिलीमीटर की बारिश हुई है, जो कि हाल के वर्षो में एक रिकार्ड है.

लोगों की मदद के लिए कई जगहों पर नौकाओं की तैनाती की गई है. राजेंद्र नगर कॉलोनी में रहने वाले कॉलेज के छात्र संकेत झा ने कहा, ‘मैंने पहली बार पानी से भरे पटना में नावों को चलते देखा है.’

एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक ने कहा, ‘ड्रेनेज के जाम होने से पूरा पटना जलमग्न हो गया है. इससे यहां के आवासीय स्थानों पर अफरा-तफरी मच गई है और बारिश ने पटना नगर निगम की कलई खोल दी है.’

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