कन्नूर (केरल), छह अप्रैल (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के 23वें सम्मेलन में पेश की जाने वाली राजनीतिक संगठनात्मक रिपोर्ट में कहा गया है कि देशभर में पार्टी लगातार कमजोर हुई है और 1964 में स्थापना के बाद से यह सबसे चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है।
इस रिपोर्ट को शुक्रवार को होने वाले सम्मेलन में पेश किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि केरल एक अपवाद है और पार्टी तथा वाम मोर्चे को भाजपा-आरएसएस के विरुद्ध लड़ना होगा।
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पार्टी को हुए नुकसान के विश्लेषण पर माकपा की राजनीतिक संगठनात्मक रिपोर्ट में कहा गया कि सबरीमला के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के साथ खड़े होने के कारण एलडीएफ सरकार को पारंपरिक मतदाताओं के एक वर्ग की नाराजगी झेलनी पड़ी।
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