जयपुर, 14 अगस्त (भाषा) राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बृहस्पतिवार को 1947 के विभाजन को भारतीय इतिहास की सबसे दर्दनाक घटना बताया।
उन्होंने कहा कि यह विभाजन केवल जमीन का ही नहीं, बल्कि दिलों और रिश्तों का भी विभाजन था, जिससे लाखों लोगों को विस्थापन, हिंसा और अलगाव के कारण भारी पीड़ा झेलनी पड़ी।
उन्होंने कहा, ‘विभाजन केवल भूगोल का ही नहीं, बल्कि दिलों और परिवारों का भी हुआ था। यह त्रासदी हमें सिखाती है कि नफरत और उग्रवाद कभी भी किसी समाज में शांति नहीं ला सकते। हमारी असली ताकत हमारी एकता, भाईचारे और सांस्कृतिक बंधनों में निहित है।’
देवनानी ने विभाजन के बाद लाखों विस्थापित लोगों को शरण देने में राजस्थान की भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि यह कदम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मूल्यों के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
देवनानी ने बताया कि उनके बुजुर्गों ने उन्हें विभाजन की दर्दनाक घटनाओं की कहानियां सुनाई थीं।
उन्होंने कहा, ‘आज भी, उस दर्दनाक समय के बारे में सोचकर मेरी रूह कांप जाती है।’
उन्होंने लोगों से इतिहास से सीख लेने और प्रेम व गौरव के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया।
उन्होंने विभाजन के दौरान पीड़ित सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।
देवनानी ने सभी नागरिकों से यह सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया कि देश में विभाजनकारी विचारधाराएं फिर कभी न फैलें।
उन्होंने कहा, ‘हमें अपने देश को एकजुट रखने और प्रेम, करुणा और परस्पर सम्मान के मूल्यों को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए।’
भाषा कुंज
जोहेब
जोहेब
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.