नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) में लंबे समय से रिक्त पड़े वैज्ञानिकों के पदों और प्रशिक्षित एवं प्रतिभाशाली भारतीय पेशेवरों के विकसित देशों में लगातार पलायन पर चिंता व्यक्त की है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर संसदीय स्थायी समिति ने इस सप्ताह राज्यसभा में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल उपायों की सिफारिश की और कहा कि पलायन को रोकने के लिए संविदा नियुक्तियों की व्यवस्था पर रोक लगनी चाहिए।
समिति ने कहा कि प्रतिभा पलायन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए भारत को संभवतः निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ उच्च शिक्षा के विकल्प, अनुसंधान के बुनियादी ढांचे और वित्त पोषण को बढ़ाना चाहिए और वैज्ञानिकों के जीवन स्तर एवं मानदेय में सुधार करना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुशल भारतीय पेशेवरों को विदेश से लौटने और घरेलू स्वास्थ्य अनुसंधान परियोजनाएं शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है, ‘‘भारत को अपनी सबसे मूल्यवान संपत्ति, मानव पूंजी को बनाए रखने और फिर से हासिल करने के लिए एक एकीकृत और दीर्घकालिक दृष्टिकोण आवश्यक है।’’
समिति ने कहा कि विभाग के भीतर विशिष्ट भूमिकाओं के लिए 2017 में बनाई गई रिक्तियों को भरने के डीएचआर के प्रयास व्यर्थ रहे हैं।
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