नई दिल्ली: बड़ी डिस्प्ले स्क्रीन्स, ऑडियो कंसोल्स, एयरकंडीशनिंग सिस्टम में अल्ट्रावायोलेट कीटाणुनाशक विकिरण, ऑडियो-विज़ुअल सिग्नल्स के ट्रांसमिशन के लिए, लोकसभा और राज्यसभा को जोड़ने वाले स्पेशल केबल्स, पॉलीकार्बोनेट सेपरेटर्स- संसद का मॉनसून सत्र जिसके सितंबर के शुरू में बुलाए जाने की संभावना है, बहुत सी नई चीज़ें देखने जा रहा है.
ये सब बदलाव, सांसदों को कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित रखने के प्रयासों का हिस्सा है.
संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिप्रिंट को बताया कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति जल्द ही बैठक करके सत्र का कार्यक्रम तय करेगी.
जोशी ने कहा, ‘मैं अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाक़ात करूंगा, जिसके बाद सीसीपीए की बैठक बुलाई जाएगी’. उन्होंने आगे कहा, ‘अभी तो मैं बस यही कह सकता हूं कि सत्र 22 सितंबर से पहले होगा’.
संसद के अधिकारियों ने कहा कि परंपरा के अनुसार एक बार सीसीपीए की बैठक होकर, सत्र के कार्यक्रम पर फैसला हो जाए तो फिर सांसदों को नोटिस देने और दूसरे कार्यों के लिए 15 दिन का समय देना होता है.
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘अगर परंपरा का पालन किया जाए तो मॉनसून सत्र अगले महीने ही बुलाया जा सकता है’.
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महामारी के बीच पहला सत्र
लोकसभा और राज्यसभा दोनों अकस्मात ही इसमें नहीं फंसना चाहते और सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, वहां सभी बंदोबस्त किए जा रहे हैं.
संसदीय सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि टेस्टिंग, रिहर्सल और अंतिम मुआयने से जुड़े तमाम बंदोबस्त, अगस्त के तीसरे हफ्ते तक पूरे हो जाने चाहिए.
किए जा रहे इंतज़ामात के मुताबिक़, राज्यसभा कक्ष व गैलरीज़ और लोकसभा कक्ष का इस्तेमाल, मॉनसून सत्र के दौरान सदस्यों को बिठाने के लिए किया जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से 60 सदस्य चैम्बर में होंगे और 51 राज्यसभा की गैलरियों में होंगे (पहली पंक्ति को छेड़कर) और बाक़ी 132 सदस्य (दो सीटों पर उप-चुनावों को शामिल करते हुए) लोकसभा चैम्बर में बैठेंगे.
अलग-अलग पार्टियों को उनकी संख्या के हिसाब से राज्यसभा के कक्ष और गैलरियों में सीटें आवंटित की जाएंगी. जगह की कमी के चलते, जिन सदस्यों को राज्यसभा में जगह नहीं मिल पाएगी उन्हें लोकसभा कक्ष के उन दो ब्लॉक्स में बैठाया जाएगा, जो सत्ताधारी पार्टी और अन्य के लिए हैं.
राज्यसभा कक्ष में, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और अन्य पार्टियों के नेताओं के लिए सीटें चिन्हित की जाएंगी. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा के लिए भी सदन के कक्ष में सीटें चिन्हित की जाएंगी. दूसरे मंत्रियों को उन सीटों पर बैठाया जाएगा, जो सत्ता पक्ष के लिए हैं.
एक दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘हम दो विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. पहला ये है कि लोकसभा सुबह में बैठे और राज्यसभा दोपहर में. या दोनों सदनों की बैठकें एक-एक दिन छोड़कर हों’. उन्होंने आगे कहा, ‘इस बारे में अंतिम फैसला सीसीपीए, और संसदीय कार्य मंत्री की ओर से लिया जाएगा’.
मॉनसून सत्र में कई नई चीज़ें
संसद के मॉनसून सत्र में कई नई चीज़ें देखने को मिलेंगी. पहली बार दोनों सदनों के कक्षों और गैलरियों का इस्तेमाल ये सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि सदस्य एक दूसरे से उचित दूरी पर बैठें.
इसके अलावा, चैम्बर के अंदर 85 इंच साइज़ की चार डिस्प्ले स्क्रीन्स और सदन की चार गैलरियों में 40 इंच की 6 और स्क्रीन्स लगाई जा रही हैं ताकि सदस्य सुविधापूर्वक सदन की कार्यवाही देख सकें.
एक राज्यसभा अधिकारी ने कहा, ‘गैलरियों में लगी सभी सीटों पर कंसोल फिट किए जा रहे हैं, ताकि सदस्य अपनी सीटों से, सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकें’. उन्होंने आगे कहा, ‘इश्तिहारों के ज़रिए पता चल जाएगा कि राज्यसभा की हर गैलरी में कौन सी पार्टियों को जगह दी गई है’.
संसद के दोनों सदनों को जोड़ने के लिए स्पेशल केबल्स बिछाए जा रहे हैं जिनसे दोनों सदनों की कार्यवाही के ऑडियो-विज़ुअल सिग्नल्स बिना किसी देरी के दोनों ओर ट्रांसमिट किए जाएंगे, ताकि दोनों सदनों में बैठे सदस्य, रियल टाइम में कार्यवाही में शरीक हो सकें.
राज्यसभा की अधिकारिक गैलरी को कक्ष से अलग करने के लिए पॉलीकार्बोनेट शीट्स लगाई जाएंगी, क्योंकि दोनों पास पास हैं.
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राज्यसभा के एयरकंडीशनिंग सिस्टम की एयर सप्लाई में बैक्टीरिया और वायरस को ख़त्म करने के लिए अल्ट्रावायोलेट कीटाणुनाशक विकिरण पर भी विचार किया जा रहा है.
ऑफीशियल गैलरी और प्रेस गैलरी में बैठने का इंतज़ाम सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के हिसाब से होगा जहां दोनों में 15-15 लोग बैठाए जाएंगे. कार्यवाही को शब्दश: नोट करने के लिए, केवल सीमित संख्या में ही सचिवालय अधिकारियों को बैठाया जाएगा.
राज्यसभा के तीन व्याख्या बूथ भी आपस में जोड़े जाएंगे जिससे दोनों सदनों में बैठे सदस्यों की सुविधा के लिए साथ-साथ भाषांतरण किया जा सकेगा.
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