नई दिल्ली: पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) द्वारा सितंबर तक आतंक के वित्तपोषण को रोकने के लिए अपनी कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा जा रहा है. इस बीच भारत ने शनिवार को कहा कि पड़ोसी देश को आतंकवाद से संबंधित वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ‘विश्वसनीय’ और ‘स्थिर’ कदम उठाने चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकी वित्तपोषण अभियानों का मुकाबला करने के लिए एफएटीएफ की कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए.
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एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को पहले ही धन शोधन और आतंक के वित्तपोषण से निपटने के लिए अपर्याप्त नियंत्रण वाले देशों की ‘ग्रे सूची’ पर डाल दिया गया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान एफएटीएफ के लिए अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के अनुसार, एफएटीएफ एक्शन प्लान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शेष समय सीमा के भीतर यानी सितंबर 2019 तक सभी आवश्यक कदम उठाएगा.”
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र से हो रही आतंकवादी गतिविधि और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए विश्वसनीय, प्रमाणिक, स्थिर और स्थायी कदम उठाने चाहिए. यह टिप्पणी एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य कार्ययोजना के अनुरूप अपने आंतक रोधी वित्तपोषण कार्यो में अक्टूबर तक सुधार करने या फिर कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दिए जाने के संबंध में एक मीडिया प्रश्न के जवाब में आई है.
एफएटीएफ ने पहले जनवरी तक और फिर मई तक कार्ययोजना को पूरा करने में पाकिस्तान की विफलता पर अपनी चिंता व्यक्त की है. एफएटीएफ ने कहा कि वह सितंबर के बाद अगला कदम तय करेगा.