पुणे, नौ मई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से पड़ोसी देश के इनकार की पोल खोलती है।
पवार ने कहा कि भारत गंभीर संकट का सामना कर रहा है, लेकिन देश अपने रक्षा बलों की ताकत से इसका जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।
पवार (80) सतारा में रयात शिक्षण संस्था में सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक भाऊराव पाटिल की 66वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष अजित पवार भी मौजूद रहे।
शरद पवार ने कहा, “भारत ने कभी भी आतंकवादी आंदोलनों का समर्थन नहीं किया है। जो कुछ हो रहा है, वह आतंकवादी गतिविधि (पहलगाम हमला जिसमें 26 लोगों की जान चली गई) का परिणाम है। पाकिस्तान के इनकार के बावजूद, उसकी मिलीभगत स्पष्ट है।’’
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में भारतीय हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार के दौरान उनकी सरकार के प्रतिनिधि मौजूद थे। अगर उनकी सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, तो उनके अधिकारियों द्वारा अंतिम संस्कार में भाग लेने का क्या मतलब है?’’
राकांपा (एसपी) नेता ने कहा कि भारत ने हमेशा शांति का समर्थन किया है, प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं ने बार-बार इस रुख को रेखांकित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सशस्त्र बल आवश्यक सावधानी बरत रहे हैं। उनके प्रदर्शन को देखने के बाद, हर भारतीय को गर्व महसूस होता है। आज, भारतीय रक्षा बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मीडिया को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का जिक्र करते हुए, पवार ने सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की सराहना की और रक्षा मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लिए गए एक फैसले को याद किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं रक्षा मंत्री था, तो मैंने (सशस्त्र) बलों में महिलाओं के प्रमुख भूमिका निभाने का मुद्दा उठाया था। शुरू में, तीनों सेना प्रमुखों ने इस विचार को खारिज कर दिया था। लेकिन चौथी बैठक में मैंने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं का कम से कम नौ प्रतिशत प्रतिनिधित्व होना चाहिए।’’
पवार ने कहा कि सीमा पर स्थिति के बारे में देश को जानकारी देने वाली दो महिला अधिकारियों में से एक मुस्लिम समुदाय से है।
उन्होंने कहा, “इससे पता चलता है कि लोग, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए कोई भी बलिदान देने को तैयार हैं।”
भाषा वैभव नरेश
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