नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस महासचिव गुलाम अहमद मीर ने बृहस्पतिवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले से सुरक्षा और खुफिया विफलता के गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह सवाल भी किया कि आमतौर पर पर्यटक स्थल के आसपास जो जांच की सुविधा होती है वह घटना के दिन क्यों नहीं थी?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा कि आम लोगों के मन में सुरक्षा और खुफिया विफलता के गंभीर मुद्दे हैं और सरकार को इनका जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (आतंकी हमला) बिल्कुल अप्रत्याशित स्थान और तरीके से हुआ है। ऐसे कृत्यों के लिए लोगों के बीच कोई समर्थन नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसी जगह पर हुआ, जहां किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। वहां कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन पहलगाम उनमें से सबसे लोकप्रिय और सबसे सुरक्षित माना जाता है। यह अमरनाथ यात्रा के मार्ग पर भी है। यात्रा के दौरान त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा रहता है।’’
मीर ने कहा कि इस क्षेत्र में जांच की सुविधा होती थी, लेकिन घटना के दिन ऐसा क्यों नहीं था, यह चिंता का विषय है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘पर्यटकों ने कहा कि कोई जांच की सुविधा नहीं थी। बैसरन घाटी में सुरक्षा बलों की कोई उपस्थिति नहीं थी, कम से कम जम्मू-कश्मीर पुलिस वहां होनी चाहिए थी। पहले, सेना और सीआरपीएफ की तैनाती के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस की गश्त भी होती थी…अधिकतर लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं और इसलिए एक पार्टी के रूप में हम इसे उठा रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रसारित हो रहे वीडियो से पता चलता है कि हमला करने वाले आतंकवादी पश्तो भाषा में बातें कर रहे थे, जबकि कश्मीर के किसी कोने में पश्तो नहीं बोली जाती है।
सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती करने पर, मीर ने कहा, ‘‘उनका दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा यह देखना होगा।’’
भाषा हक हक पवनेश
पवनेश
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