नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के अगर मालवा क्षेत्र के एक सब-इंजीनीयर (उपयंत्री) राजकुमार यादव ने जनपद पंचायत सुसनेर के सीईओ को एक चिट्ठी लिखकर कहा कि उसे अपने पिछले जन्म का आभास हुआ है और इसलिए जीवन को जानने के लिए उसे हर रविवार छुट्टी चाहिए. सोशल मीडिया पर ये चिट्ठी काफी वायरल हो रही है.
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क अगर मालवा के पीआरओ के हैंडल से ट्वीट में कहा गया, ‘पदीय दायित्वों में अनुशासनहीनता के लिए उपयंत्री राजकुमार यादव की संविदा समाप्ति की कार्यनवाही के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब तलब किया गया है.’
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री डीएस रणदा ने पदीय दायित्वों में अनुशासनहीनता बरतने पर जनपद पंचायत सुसनेर के संविदा उपयंत्री मनरेगा राजकुमार यादव की संविदा समाप्ति की कार्यवाही हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर जवाब तलब किया है। @minprdd
— PRO JS Agar-Malwa (@PROJSAgar_Malwa) October 10, 2021
इस अजीबोगरीब खत में यादव ने न केवल अपने बीते जन्म का जिक्र किया है बल्कि लोकसभा सांसद असदुद्दीन औवेसी को पुराने जन्म का साथी ‘नकुल’ बताया वहीं आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत को ‘शकुनि मामा’ बताया.
हालांकि राजकुमार यादव को रविवार को छुट्टी तो नहीं मिली बल्कि उन्हें आदेश दिया गया है कि वो कार्यालय आकर काम करें.
जनपद पंचायत सुसनेर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) पराग पंथी जिन्हें ये पत्र लिखा गया था, उन्होंने यादव को जवाब देते हुए कहा, ‘आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके.’
जिला आगर मालवा के डायरेक्टरी में उपलब्ध नंबर पर दिप्रिंट ने जनपद पंचायत सुसनेर पराग पंथी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन इस रिपोर्ट के छपने तक उनसे बात नहीं हो सकी है.
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‘नकुल और शकुनी’
राजकुमार यादव ने अपने खत में असदुद्दीन औवेसी और मोहन भागवत का जिक्र कर इसे दिलचस्प बना दिया है.
यादव ने खत में लिखा, ‘मैं जनपद पंचायत सुसनेर में उपयंत्री के पद पर पदस्थ हूं. मैं रविवार को जनपद के किसी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा क्योंकि मुझे कुछ दिन पहले ही आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है. मुझे अपने पिछले जन्म का भी आभास हुआ है.’
उन्होंने आगे लिखा, ‘असदुद्दीन औवेसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत सकुनी मामा, इसलिए मैं अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं.’
‘मैं प्रत्येक रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा. ये मेरी आत्मा का सवाल है.’
In Agar Malwa of Madhya Pradesh, a sub-engineer has written a leave application to his superior saying that he gained recollection of his past life and wanted to do Bhagavad Gita paath to know more about his life & also beg alms to erase ego every Sunday pic.twitter.com/qOmMpyZB9j
— ANI (@ANI) October 11, 2021
जनपद पंचायत सुसनेर के सीईओ पराग पंथी ने यादव की भाषा में ही लिखा, ‘प्रिय उपयंत्री, आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह बहुत प्रसन्नता का विषय है. इसमें हमारा अकिंचन सहयोग भी साधक हो सकता है, यह विचार ही मन में हर्ष उतपन्न करता है. व्यक्ति प्रायः अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है. इस अहंकार को इसके बीजरूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है.’
उन्होंने लिखा, ‘आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को दृष्टिगत रखते हुए आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके.’
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