चंडीगढ़, एक सितंबर (भाषा) बाढ़ से प्रभावित जम्मू, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में 5,000 से अधिक नागरिकों को बचाया गया और 21 टन राहत सामग्री प्रदान की गई। सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी।
भारतीय सेना की पश्चिमी कमान बाढ़ प्रभावित राज्यों में व्यापक मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभियान संचालित कर रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सेना विमानन और भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर सहित कुल 47 टुकड़ियों को सक्रिय किया गया है। अधिकारी ने कहा कि साथ ही इंजीनियर, चिकित्सा और संचार संसाधनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
मेजर जनरल पुनीत आहूजा और कर्नल इकबाल सिंह अरोड़ा द्वारा पंचकूला के चंडीमंदिर स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी गई।
सेना ने 16 अगस्त को अभियान शुरू किया था।
कर्नल अरोड़ा ने कहा, ‘‘जवानों, अभियंताओं, चिकित्सा टुकड़ियों, विमानन परिसंपत्तियों को जिंदगियों की रक्षा करने और आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए अल्प सूचना पर जुटाया गया है।’’
उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत दल राहत अभियान चलाने के लिए पूरी तरह तैयार, प्रशिक्षित और सुसज्जित हैं।
अरोड़ा ने कहा, ‘‘भारतीय सेना विमानन और भारतीय वायुसेना के सहयोग से फंसे हुए नागरिकों को समय पर निकाल रही है और महत्वपूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।’’
उन्होंने बताया कि भाखड़ा नांगल बांध, रणजीत सागर बांध और अन्य सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं सहित प्रमुख बांधों पर जल स्तर की निगरानी के लिए प्रत्येक मुख्यालय पर 24 घंटे बाढ़ नियंत्रण निगरानी प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि ये अभियान असैन्य प्राधिकारियों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ घनिष्ठ समन्वय में चलाए जा रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘एकीकृत दृष्टिकोण ने संसाधनों के इष्टतम उपयोग और प्रभावित आबादी को समय पर सहायता सुनिश्चित की गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुल 47 टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं, जिनमें मुख्य बचाव दलों के अलावा इंजीनियर, चिकित्सा टुकड़ियां और संचार दल के कर्मी भी शामिल हैं।’’
अरोड़ा ने कहा, ‘‘5,000 से अधिक नागरिकों और 300 अर्धसैनिक बलों के जवानों को जलमग्न क्षेत्रों से बचाया गया है।’’
भाषा प्रीति दिलीप
दिलीप
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