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Monday, 23 December, 2024
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‘मां के खून से सना हुआ था हमारा कमरा’- ‘गैंग रेप’ के बाद बदायूं में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की कैसे हुई मौत

एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जो एक बेटे और 4 बेटियों की मां है- का कथित रूप से एक पुजारी और उसके दो चेलों ने बलात्कार किया और फिर उसे जानलेवा रूप से घायल कर दिया, जब वो रविवार शाम मंदिर गई हुई थी.

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बदायूं: गर्म कपड़ों में लिपटी- एक शॉल से अपना चेहरा ढके- एक नौजवान महिला हाथ में एक गद्दा लिए है और अपनी मां की ज़िंदगी के आखिरी लम्हों को याद करने की कोशिश कर रही है.

फीके पड़ गए बैंगनी रंग के गद्दे पर, सूखे हुए खून के बड़े-बड़े चकत्ते दिख रहे हैं, जब वो बता रही है कि कैसे उसकी मां एक 50 वर्षीय आंगनवाड़ी वर्कर रविवार को रात भर खून बहने की हालत में इस पर पड़ी रही, अपने घर में जो यूपी के बदायूं ज़िले के कियोली गांव में है.

महिला, जो पीड़िता की सबसे बड़ी बेटी है, कहती है, ‘हमारा सामने वाला कमरा पूरा मां के खून से सना हुआ था…ये बहुत ही भयानक और बर्बर है’.

One of the victim's daughters shows the blood-soaked mattress on which she was brought home by the suspects | Suraj Singh Bisht | ThePrint
पीड़िता की एक बेटी खून में लथपथ चटाई दिखाती हुई | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता- एक बेटे और 4 बेटियों की मां- का कथित रूप से एक पुजारी और उसके दो चेलों ने बलात्कार किया और फिर उसे जानलेवा रूप से घायल कर दिया, जब वो रविवार शाम अपनी मां के गांव मेवाली- जो बदायूं से 10 किलोमीटर दूर है- के एक मंदिर में पूजा के लिए गई हुई थी.

उसके परिवार के मुताबिक, उस देर रात जब कथित हमलावरों ने, उसे घर पर छोड़ा– उसी गद्दे में लिपटे हुए- तो वो मुश्किल से सांस ले पा रही थी, उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे और काफी खून बह रहा था. कुछ देर बाद ही वो चल बसी.

बदायूं पुलिस ने कहा कि उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि उसको आघात पहुंचा था और उसके गुप्तांग भी फटे हुए थे. उन्होंने ये भी कहा कि उसकी मौत ज़्यादा खून बहने से हुई थी और उसपर जो हमला हुआ था उससे अन्य चोटों के अलावा उसकी पसली और टांग भी टूट गईं थीं.

घटना के मुख्य संदिग्ध– पुजारी सत्यनारायण को कथित अपराध के चार दिन बाद बृहस्पतिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया. बदायूं के ज़िला मजिस्ट्रेट कुमार प्रशांत ने कहा कि सत्यनारायण पास ही के गांव में अपने एक चेले के घर में छिपा हुआ था, जो उघैती पुलिस थाने के अंतर्गत आता है. पुजारी से पूछताछ की जा रही है.

दोनों चेले- वेदराम और जसपाल- पहले ही गिरफ्तार कर लिए गए थे लेकिन पुलिस के अनुसार उन्होंने बलात्कार और हमले के आरोपों से इनकार किया है. स्थानीय थाना प्रभारी (एसएचओ) को निलंबित कर दिया गया है, चूंकि परिवार के पहली बार थाने पहुंचने पर उसने कथित रूप से उनकी शिकायतों की अनदेखी की.

केस की तफतीश के लिए एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित कर दी गई है और चार अन्य टीमें पुजारी को पकड़ने के लिए बनाई गईं.

पुलिस के मामले की गहराई में जाने के साथ ही, पुजारी के बारे में कुछ गंभीर सवाल सामने आए हैं और महिला का परिवार तथा कुछ गांव वाले, आरोप लगा रहे हैं कि वो ‘काला जादू’ करता था और उसे महिलाओं पर बुरी निगाह रखने के लिए जाना जाता था.

इस बीच, महिला के परिवार में एक गहरा डर समा गया है. अगर उनकी मां एक मंदिर में सुरक्षित नहीं थी तो वो कहीं और कैसे सुरक्षित रह सकती हैं?


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पति की सेहत के लिए पूजा

कियोली में पीड़िता का घर देवी-देवताओं की मूर्तियों से भरा है. बेटियों के मुताबिक, ‘कुछ भी हो जाए’ उनकी मां अपनी रोज़ाना की पूजा हमेशा करती थीं.

महिला के परिवार ने बताया कि पति के बीमार रहने की वजह से पीड़िता और अधिक उत्सुकता के साथ पूजा पाठ कर रही थी.

उन्होंने ये भी कहा कि वो अक्सर मंदिर जातीं थीं, जहां उनपर कथित रूप से हमला हुआ और वो सत्यनारायण से बहुत गहराई से प्रभावित थीं.

उन्होंने बताया कि रविवार को सुबह से पुजारी महिला को फोन कर रहा था और उन्हें मंदिर आने के लिए कह रहा था. परिवार ने कहा कि शाम के समय, वो मेवाली के लिए निकल गईं जहां उन्हें न सिर्फ मंदिर जाना था बल्कि अपनी मां से भी मिलना था.

वो आखिरी बार था जब उन्होंने अपनी मां को अपने पैरों पर चलते देखा था.

उन्होंने बताया कि रात में करीब 11 बजे संदिग्धों ने उनकी मांग को बुरी तरह घायल और खून बह रही हालत में कार से लाकर उनके घर छोड़ दिया और फौरन ही निकल गए.

पीड़िता की बेटियों ने दिप्रिंट को बताया कि वो घर पहुंचीं तो सिर्फ आंशिक रूप से ढकी हुईं थीं.

उसकी एक बेटी ने कहा, ‘वो ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहीं थीं, उनमें कोई जान ही नहीं बची थी. उनकी साड़ी उतरी हुई थी और बस शरीर से लटकी हुई थी. वो सिर्फ अपने ब्लाउज़ और पेटीकोट में थीं, जो खून से लाल हो चुके थे. हमने देखा कि उनके गुप्तांग बिल्कुल विकृत हालत में थे.’

जब वो उस बारे में बता रहीं थीं, उसी दौरान बेटियों में से एक ने ये दिखाने के लिए एक गद्दा उठाया कि उनका कितना खून बहा था. गद्दे को पुलिस बतौर सबूत लेकर नहीं गई है (बाद में वजह पूछे जाने पर, पुलिस ने कहा कि उन्हें गद्दे के बारे में कुछ मालूम ही नहीं था).

The victim's family at their home in Kiyoli | Suraj Singh Bisht | ThePrint
कियोली में अपने घर पर पीड़िता का परिवार | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

महिला के बेटे ने कहा कि वो अपनी दो छोटी बहनों के साथ घर पर अकेला था, जब उनकी मां को घर पर छोड़ा गया. उसने आगे कहा कि उनके पिता किसी रिश्तेदार के यहां गए हुए थे.

उसने कहा, ‘मेरी तो समझ में ही नहीं आया कि क्या करूं. इसलिए मैंने अपनी बड़ी बहनों के पहुंचने का इंतज़ार किया, और अगली सुबह पुलिस थाने गए’.

उघैती पुलिस स्टेशन पर उनके सामने और मुश्किल खड़ी हो गई, चूंकि वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनकी शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया.

उसके बाद जब परिवार ने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर फोन किया, तब कहीं जाकर सोमवार दोपहर 3 बजे, पुलिस शव को लेने के लिए उनके घर पहुंची. लेकिन शव का पोस्टमॉर्टम मंगलवार को किया गया.

दिप्रिंट से बात करते हुए, बदायूं के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संकल्प शर्मा ने कहा कि उघैती के थाना प्रभारी (एसएचओ) को केस की ज़रूरत के मुताबिक ‘काम करने में विफलता’ और तुरंत ही पीड़िता के घर न जाने के लिए निलंबित कर दिया गया है.

शर्मा ने आगे कहा, ‘उसके निलंबन के पीछे का कारण तुरंत कार्रवाई न करना है. उसे शव को लाने के लिए फौरन पीड़िता के घर पहुंचना चाहिए था और मौका-ए- वारदात पर जाना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया’.

ये पूछे जाने पर कि पोस्टमॉर्टम में देरी क्यों हुई, उन्होंने कहा कि सोमवार को जब तक उन्हें इस सब का पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी. उन्होंने आगे कहा कि ‘तयशुदा मानक प्रक्रिया के अनुसार, पोस्टमॉर्टम मंगलवार को दिन की रोशनी में किया गया’.

ऑटोप्सी रिपोर्ट और ‘प्रथम दृष्टया सबूतों’ का हवाला देते हुए, बदायूं में पुलिस ने कहा की महिला के पूरे बदन पर खरोचों के निशान थे. नाम न बताते हुए पुलिसकर्मियों ने ये भी कहा कि पोस्टमॉर्टम से पता चला है कि महिला की मौत, ‘अधिक खून बहने’ और ‘आघात’ से हुई है.

उन्होंने कहा कि गुप्तांगों समेत महिला के पेट के निचले हिस्से पर बुरी तरह हमला किया गया, जिसके नतीजे में वो कई जगह से फट गया और वहां से तब तक खून बहता रहा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई. उन्होंने ये भी कहा कि ऑटोप्सी रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई कि ‘भारी चोट’ की वजह से एक पसली और टांग टूट गई थी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा था.

पोस्टमॉर्टम के बाद, तीनों संदिग्धों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) और 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया या.

महिला के परिवार ने कहा कि उनके घावों के स्वरूप से अंदाज़ा होता है कि संदिग्धों ने उनके गुप्तांगों में कोई रॉड घुसाई थी. एसएसपी शर्मा ने इस दावे का खंडन किया लेकिन इस बात को माना कि उसके घावों से अंदाज़ा होता है कि उसके साथ ‘अत्यधिक बल’ प्रयोग किया गया और डॉक्टरों को उसके गुप्तांग अंदर से फटे हुए मिले थे.

परिवार ने कहा कि वो चाहते हैं कि संदिग्धों को फास्ट-ट्रैक मुकदमे के बाद मौत की सज़ा दी जाए. वो ये भी चाहते हैं कि सरकार छोटी बेटियों के लिए वित्तीय सहायता और बेटे को कोई सरकारी नौकरी दे.

घटना से एक दम प्रभावित परिवार का कहना था कि अब उन्हें सारी उम्र भय के साए में बितानी होगी. महिला की एक बेटी ने कहा, ‘यूपी में महिलाएं कैसे बचेंगी? हम काम नहीं कर सकते, हम पूजा की जगहों पर नहीं जा सकते?’


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‘काला जादू’ और आस्था

स्थानीय पुलिस ने कहा कि पुजारी, जो मुख्य संदिग्ध के तौर पर उभर कर सामने आया है, पिछले 7-8 वर्षों से गांव में रह रहा था. पुलिस ने ये भी कहा कि उन्हें उसके खिलाफ अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली थी.

पीड़िता की सबसे बड़ी बेटी के अनुसार, जिसकी शादी मेवाली के ही एक परिवार में हुई है, ‘बाबा’ ने उनकी मां को एक तरह से अपनी ‘पकड़’ में रखा हुआ था जिसकी वजह से वो अक्सर उसके पास इतना जातीं थीं.

उसने कहा, ‘वो काला जादू किया करता था लेकिन मां पूरी तरह उसके कहने में आ जातीं थीं. वो बेहद धार्मिक थीं और पिता की सेहत के लिए लगातार पूजा-पाठ करतीं थीं’.

18 वर्षीय एक दूसरी बेटी ने कहा, ‘हम पुजारी पर भरोसा नहीं करते थे, हमें वो धोखेबाज़ लगता था लेकिन हमारी मां उसे बहुत मानती थीं और अक्सर उसके पास जाती थीं. वो उनकी सभी समस्याएं सुलझा सकता है, ऐसा दावा करते हुए वो महिलाओं के साथ, चालाकी से काम लेने के लिए जाना जाता है. ‘भूत-प्रेतों’ और ‘मुसीबतों’ को भगाने के लिए वो हवन कराया करता था. हमारे पिता भी कभी-कभी वहां जाते थे’.

मेवाली में कुछ गांववासियों ने भी पुजारी के बारे में इसी तरह के विचार व्यक्त किए. एक गांववासी ने कहा, ‘वो अच्छे चरित्र का आदमी नहीं था, वो महिलाओं को सही निगाह से नहीं देखता था लेकिन फिर भी किसी न किसी तरह वो तांत्रिक विद्या में अपनी निपुणता के लिए मशहूर था’.

मामले की जांच कर रहे दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, वो ‘काले जादू के पहलू’ की भी जांच कर रहे हैं.

उनमें से एक अधिकारी ने कहा ‘हम कड़ाई के साथ इसकी जांच कर रहे हैं, कुछ न कुछ संबंध ज़रूर लगता है. अपराध के बाद अभियुक्त उसे घर लेकर आया था’.


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तहकीकात

परिवार ने कहा कि उन्हें तीन संदिग्धों पर पहली बार शक तब हुआ जब वो बिना कुछ कहे उनकी मां को छोड़कर चले गए और अस्पताल ले जाने की बजाए उन्हें घर लेकर आ गए.

बेटे ने कहा, ‘अगर उन्होंने कुछ नहीं किया था, तो उन्हें मां को अस्पताल ले जाना चाहिए था. उन्होंने हमारे पूरी तरह दरवाज़ा खोलने का इंतज़ार भी नहीं किया (और निकल गए)’.

लेकिन पुलिसकर्मियों ने दिप्रिंट से कहा कि अभी तक की छानबीन से पता चलता है कि अभियुक्त रविवार रात महिला को संभल ज़िले के चंदौसी में किसी निजी अस्पताल ले गए होंगे जिसके बाद वो उसे घर छोड़ गए.

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘मेवाली गांव बदायूं और संभल की सीमा पर पड़ता है, इसलिए वो उसे वहां ले गए होंगे. लेकिन हमारी शुरूआती जांच के मुताबिक, अस्पताल ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया. इसकी पुष्टि करने के लिए हम अस्पताल से बात कर रहे हैं. हम इसकी जांच भी कर रहे हैं कि अगर उसे अस्पताल ले जाया गया तो हमें सूचित करने के सामान्य प्रोटोकोल का पालन क्यों नहीं किया गया’.

नाम छिपाने का अनुरोध करते हुए पुलिसकर्मियों ने कहा कि हिरासत में दो संदिग्धों ने उन्हें बताया है कि अपराध वाले दिन पुजारी ने उन्हें फोन करके ये कहते हुए मदद के लिए बुलाया था कि एक महिला मंदिर परिसर में स्थित एक सूखे कुएं में गिर गई थी.

27 फीट गहरा कुआं एक जर्जर से कमरे के अंदर है.

लेकिन पुलिस के अनुसार, कथित मौका-ए-वारदात की जगह पुजारी का कमरा है, जो कुएं से आगे है. मंगलवार को एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद, वहां से फॉरेंसिक सबूत एकत्र किए गए, जिनमें स्वॉब्स भी शामिल थे. ऊपर हवाला दिए गए दो अज्ञात पुलिस अधिकारियों में से एक ने कहा कि उन्हें पुजारी की चारपाई पर, मंदिर परिसर में और कुएं के पास भी खून के निशान मिले थे.

Budaun police personnel near the alleged crime scene in village Mevali | Suraj Singh Bisht | ThePrint
मेवाली गांव में कथित घटनास्थल पर मौजूद बदायूं पुलिस | फोटो: सूरज सिंह बिष्ट | दिप्रिंट

महिला के परिवार का कहना है कि शुरू में सोमवार शाम 7 बजे, गांववालों ने पुजारी को पकड़ लिया था लेकिन कुछ सहायकों की मदद से, वो भागने में कामयाब हो गया. उसे आखिरकार बृहस्पतिवार रात गिरफ्तार किया गया. इससे पहले उसकी तलाश के बारे में बात करते हुए एसएसपी कुमार ने कहा था कि उन्होंने सभी पड़ोसी ज़िलों को सतर्क कर दिया था और पुजारी के बारे में जानकारी देने वाले के लिए 50,000 रुपए का पुरस्कार घोषित किया था.

कुमार ने उस समय कहा था, ‘पुजारी की गिरफ्तारी के बाद ही ये मामला और स्पष्ट हो पाएगा’.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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