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Friday, 29 March, 2024
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निवेशकों का फेवरेट डेस्टिनेशन बना UP, लॉकडाउन से अब तक 53 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले- सिद्धार्थनाथ सिंह

बेरोजगारी और अध्यादेशों पर किरकिरी झेल रहे उत्तर प्रदेश में मंत्री सिद्धार्थनाथ ने दिप्रिंट से हुई खास बातचीत में कहा है कि आज यूपी सोचता है वो कल देश सोचेगा. दूसरे राज्य हमारे लाए हुए अध्यादेश (ordinance) फॉलो कर रहे हैं. यूपी दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहा है. 

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह का दावा है कि मार्च में लॉकडाउन से लेकर अब तक प्रदेश में 53 हजार करोड़ का निवेश के आवेदन आ चुके हैं. इसमें खास बात यह है कि इनमें कई विदेशी कंपनियों ने भी यूपी में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है और कई ने तो अपने प्रोजेक्ट शुरू कर दिए हैं.

सिद्धार्थनाथ के मुताबिक, सरकार 4 लाख के ऊपर सरकारी नौकरी दे चुकी हैं और 50 लाख से अधिक लोगों को डायरेक्ट व इनडायरेक्ट तरह से रोज़गार दिया गया है.

सिद्धार्थनाथ ने यूपी में रोजगार और निवेश से जुड़े कई मुद्दों पर दिप्रिंट से बातचीत की.

चीन से छोड़कर यूपी आ रही कंपनियां

उत्तर प्रदेश में मल्टीनेशनल कंपनियां सैमसंग, पैप्सिको समेत बाहर की कई फर्म हैं जो यूपी में निवेश करने जा रही हैं. सैमसंग 5 हजार करोड़ का नोएडा में मोबाइल डिस्पले बनाने का प्रोजेक्ट लगाने जा रहा है वहीं पैप्सिको भी आठ हजार करोड़ के निवेश के साथ मथुरा में ‘आलू के चिप्स’ का प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है. सैमसंग तो चीन से हटाकर अपना प्रोजेक्ट यहां लाई है क्योंकि उसे यूपी में एक नई उम्मीद दिखती है.

लॉकडाउन से लेकर अबतक उत्तर प्रदेश में 53 हजार का निवेश कंपनिया अब तक कर चुकी हैं.

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इसके अलावा एक जर्मन शू मेकिंग फर्म (वॉन वेल्क्स) आगरा में अपना प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. ये भी चीन से अपना व्यापार समेट कर यूपी आई है.

हीरा नंदानी ग्रुप समेत कई भारतीय कंपनियों ने भी कोरोनाकाल में उत्तर प्रदेश का रुख किया है और वहां निवेश करने का ऐलान किया है. यूपी इन्वेस्टर्स के लिए फेवरेबल डेस्टिनेशन बनता जा रहा है.

सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, ‘पिछले महीने मैंने कहा था कि 47,000 करोड़ निवेश के प्रोजेक्ट कोरोना काल में आए हैं लेकिन अब ये बढ़कर 53 हजार करोड़ हो गया है.’

वह आगे कहते हैं, ‘कोरोनाकाल में हुए  ‘इन्वेस्टर समिट’ से ये अलग निवेश है. निवेश के ये प्रपोजल सिर्फ पिछले 9 महीने के हैं. इन्वेस्टर समिट के दौरान जो निवेश आया था उसके कई प्रोजेक्ट शुरू भी हो चुके हैं जिसके बारे में सरकार की ओर से पहले जानकारी दी जा चुकी है.’


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4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दीं

सिद्धार्थनाथ ने दिप्रिंट से कहा, ‘यूपी में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर कई विपक्षी दल भ्रम फैलाते रहते हैं. विपक्ष को अपना एजेंडा चलाने दीजिए लेकिन सच्चाई तो ये है कि अब तक योगी सरकार लगभग 4 लाख नौकरियां दे चुकी है.’

‘पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग समेत तमाम विभागों में नियुक्तियां हुई हैं. सरकार के पास सारे आंकड़े हैं. वहीं 50 लाख से अधिक लोगों को डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रोजगार से जोड़ा गया है.ओडीओपी ( वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट), विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना तमाम योजनाओं के तहत सरकार रोजगार दे रही है,’ वो सब मिलकार मैं बता रहा हूं.

उन्होंने कहा, ‘ हर डिस्ट्रिक्ट में छोटे उद्योगो के लिए लोन दिया गया है, उनके माध्यम से कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है. इसका डाटा भी हमारा विभाग जल्द उपलब्ध कराएगा ताकि बढ़ती बेरोजगारी को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है उसे दूर किया जा सके.’

MSME ने पटरी पर ला दी यूपी की अर्थव्यवस्था

MSME मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के मुताबिक, ‘उनके विभाग ने महामारी के दौरान यूपी की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाई है. यूपी में एमएसएमई (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) को लेकर माहौल बदला है. प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की लघु उद्योगों को बढ़ावा देने को लेकर पॉजिटिव अप्रोच है. इसी कारण यूपी की इमेज भी बदली है.’

वह आगे कहते हैं, ‘यूपी मैनुफैक्चरिंग हब बनने की ओर कदम बढ़ा दिया है. ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) को केंद्र सरकार भी अपनाने जा रही है. मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना है. एमएसएमई में 7 लाख नई इकाइयों और पुरानी इकाइयों को 36 हजार करोड़ रुपये का लोन बांटा है. यूपी की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है.’

सिद्धार्थ ने बताया कि विभाग की ओर से 24 जनवरी को लखनऊ में ‘हुनर हाट’ नाम का एग्जीबिशन लगने जा रहा है जिसमें छोटे उद्योगों के कारीगरों के काम को डिस्प्ले किया जाएगा. ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ प्रोग्राम के तहत हर जिले के मशहूर लोकल प्रोडक्ट्स इस एग्जीबिशन में दिखेंगे. रूरल इकॉनॉमी को कैसे बेहतर किया जाए इस पर हम फोकस कर रहे हैं.

‘2022 में जनता सिखाएगी सबक’

किसानों की सरकार से बढ़ती नाराज़गी को इनकार करते हुए सिद्धार्थनाथ ने कहा कि योगी सरकार किसानों को लेकर मिशन किसान कल्याण शुरू होने जा रहा है जिसमें हर जिले के 100 रोल मॉडल किसानों को चुनकर उन्हें सम्मानित किया जाएगा. ये सरकार किसानों के हितो के बारे में भी सोचती है.

सिद्धार्थनाथ ने दिप्रिंट से यह भी कहा कि ‘तथाकथित लव जिहाद’ को लेकर आए कानून पर सरकार पर आए दिन उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि लव जिहाद के मामले को लेकर पुलिस अपना काम कर रही है. तमाम मामलों की जांच कर रही है, पुलिस कानून के हिसाब से ही काम करेगी. अगर किसी के खिलाफ शिकायत आएगी तो जांच करना उसका फर्ज है. विपक्षी दल इसको लेकर अकसर सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश करते हैं लेकिन जनता उन्हें सबक सिखा ही देती है. 2022 में भी सिखाएगी.

यूपी का मॉडल सब फॉलो करेंगे

यूपी के बाद तमाम राज्यों में ‘लव जिहाद’ , Cow slaughter समेत तमाम अध्यादेश लाए गए. वहीं दूसरे राज्यों की बीजेपी सरकार के मंत्री भी इसको समझने यूपी आए. इस पर सिद्धार्थनाथ ने कहा, ‘आज से 100 साल पहले कहावत कही जाती थी कि जो बंगाल आज सोचता है वो देश फॉलो करता है लेकिन अब कहावत बदल गई है जो आज यूपी सोचता है वो कल देश सोचेगा. दूसरे राज्य हमारे लाए हुए अध्यादेश (ordinance) फॉलो कर रहे हैं’. उनके मुताबिक,’ यूपी दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बन रहा है. यहां तक दक्षिण व पश्चिम के राज्य भी यूपी में हो रहे इन्वेस्टमेंट व तमाम नए कानूनों के बारे में जानने की इच्छा रख रहे हैं. ये यूपी की बदलती छवि का ही असर है.’


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