नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशकों का कार्यकाल दो साल से बढ़ाकर पांच साल तक किये जाने के प्रावधान वाले विधेयकों का लोकसभा में विरोध करते हुए इन्हें संस्थाओं की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला बताया और इन्हें वापस लेने की मांग की.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि मोदी सरकार यथास्थिति बरकरार रखने नहीं आई है, बल्कि बदलाव के लिए आई है तथा बड़े अपराधों को रोकने और देश को मजबूत बनाने के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाने की दिशा में दोनों विधेयक महत्वपूर्ण हैं.
आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और कांग्रेस के मनीष तिवारी ने सदन में ‘केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021’ और ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किये जाने का विरोध करते हुए इनसे संबंधित अध्यादेशों को नामंजूर करने वाले सांविधिक संकल्प भी सदन में पेश किये.
विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए रखते हुए कार्मिक और लोक शिकायत राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सदन में विधेयकों को पेश करते समय भी स्पष्ट किया गया था कि इस संशोधन को लेकर जितना बड़ा विवाद खड़ा किया जा रहा है, उतना बड़ा विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि सदस्य इसकी भावना को देखें और इस पर चर्चा करें.
आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि अपनी पसंद के अधिकारी का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि संसद के शीतकालीन सत्र से कुछ दिन पहले 14 नवंबर को ही अध्यादेशों को लागू करने की जरूरत क्या थी.
आरएसपी सांसद ने आरोप लगाया कि सरकार संसद की अनदेखी कर उसकी सर्वोच्चता को चुनौती दे रही है जो अनुच्छेद 123 के उल्लंघन का स्पष्ट उदाहरण है.
वहीं, कांग्रेस के मनीष तिवारी ने भी विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि ये विधेयक मनमाने तरीके से लाये गये.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का ईडी और सीबीआई निदेशकों के कार्यकाल ‘दो साल से बढ़ाकर एक-एक साल करके पांच साल करने का कदम अधिकारियों से अपने अनुरूप काम कराने का प्रयास है.’ चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि मोदी सरकार यथास्थिति बरकरार रखने नहीं आई है, बल्कि बदलाव के लिए आई है तथा सरकार ने जो फैसले किए हैं वो लंबे समय तक देश को फायदा पहुंचाने वाले हैं.
राठौर ने कहा, ‘आज दुनिया में जो अपराध हो रहे हैं उनके तार कई देशों से जुड़े होते हैं. ऐसे में जरूरी है कि हम ऐसे कानून बनाएं जिसे दुनिया के दूसरे देश समझें और सम्मान दें.’
उन्होंने कहा, ‘ये विधेयक हमारे विभागों को ताकत देतें है ताकि वो अपराधों से प्रभावी ढंग से लड़ सकें.’