नयी दिल्ली, 29 अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक ‘‘स्वर्णिम अध्याय’’ बताते हुए शुक्रवार को स्वदेशी आकाशतीर वायु रक्षा नियंत्रण एवं सूचना प्रणाली के निर्माण में सार्वजनिक उपक्रमों के योगदान पर प्रकाश डाला, जिसने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मुर्मू ने यहां ‘स्कोप एमिनेंस अवॉर्ड्स’ समारोह को संबोधित करते हुए 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने राजस्व और लाभप्रदता सहित प्रमुख वित्तीय मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि तीन-चौथाई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लाभ कमा रहे हैं और पिछले दशक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का शुद्ध लाभ काफी बढ़ गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को विकास का उत्प्रेरक और समृद्धि का स्तंभ बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने सुशासन और पारदर्शिता के क्षेत्र में मानक स्थापित किए हैं।
मुर्मू ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में उनके योगदान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं।’’
देश के रक्षा क्षेत्र का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ मानवता की जीत का एक स्वर्णिम अध्याय है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस ऑपरेशन ने आतंकवादी शिविरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया और भारत पर हमले की कोशिशों को विफल कर दिया। स्वदेशी आकाशतीर वायु रक्षा नियंत्रण एवं सूचना प्रणाली ने अचूक क्षमता का प्रदर्शन किया। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने इस प्रणाली के निर्माण में योगदान दिया। यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है।’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि नवाचार और भारत की बढ़ती तकनीकी विशेषज्ञता के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा पर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का योगदान साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि कृषि, खनन एवं अन्वेषण, विनिर्माण, प्रसंस्करण और सेवा क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुर्मू ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महिला नेताओं को कई चुनौतियों से पार पाना होगा।
भाषा गोला नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.