नई दिल्ली: कोरोनावायरस संक्रमण के काल में देश के शहरों को तो स्मार्ट बनाया ही जा रहा है अब तकनीक का फायदा गांव देहात पर पहुंचाने की जुगत भी हो रही है. तेलंगाना में पिछले दिनों इलाज की कमी और समय पर डॉक्टर न मिलने की वजह से एक महिला की हुई मौत की खबर ने नारायनपेट ज़िले की कलेक्टर को इतना झकझोर दिया कि उसने अपने ज़िले के हर एक गांव को टी-कंसल्ट (टेली कंसलटेशन) से जोड़ने का फैसला किया.
इस प्रोजेक्ट के तहत अलग-अलग फील्ड के 62 डॉक्टरों को जोड़ा गया है. टी कंसल्ट के पहले फेज में जहां मक्टल मंडल के सभी 39 गांवों को इससे जोड़ा गया है. इसके साथ ही यह देश का पहला मंडल बन गया है जहां 100 फीसदी टेली-मेडिसिन का एक्सेस हो गया है. आने वाले एक हफ्ते के भीतर नारायनपेट ज़िले के सभी 280 गांवों को इससे जोड़ दिया जाएगा.
फिलहाल यह प्रोजेक्ट शुरू हुए पूरा 24 घंटा भी नहीं बीता है लेकिन डॉक्टरों से बात करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. वीडियो कॉलिंग के द्वारा 150 से अधिक मरीजों ने डॉक्टरों से कंसल्ट किया है. खबर लिखे जाने तक गुरुवार को 111 मरीजों ने अलग-अलग डॉक्टरों से अपनी बीमारी के बारे में फोन से बात की.
इस प्रोजेक्ट के बारे में कलेक्टर मिस चांदना कहती हैं, ‘शहरों में तो लोगों के पास स्मार्ट फोन हैं और वहां आसानी से डॉक्टर फोन पर मौजूद हैं जबकि गांवों में इस समय चिकित्सीय सुविधा की अधिक ज़रूरत है.’
चांदना ने बताया, ‘पिछले दिनों इस लॉकडाउन की वजह से एक गर्भवती महिला को समय पर चिकित्सीय सहायता नहीं मिल पाई जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. उसके बाद हमें गांवों के लोगों के लिए ऐसी सर्विस की आवश्यकता थी जहां वो लोग गांव में रहते हुए इलाज करा सकें.’
चांदना ने यह भी कहा, ‘मक्टल मंडल के फीडबैक के बाद इस जैसे दूसरे 10 मंडलों जिनके अंतगर्त 280 गांव आते हैं में भी इस कार्यक्रम को शुरू कर दिया जाएगा.’
तकनीकी से जुड़े लोगों ने बनाया एप- सरकार को मुफ्त में दिया
इस टेलीमेडिसिन एप की सॉफ्टवेयर तकनीकी टीटा (तेलंगाना इनफॉरमेंशन टेक्नॉलोजी एसोसिएशन)से जुड़े लोगों ने मुफ्त में बना कर दिया है. इसमें लोगों की सहूलियतों का ध्यान रखते हुए होमियोपैथी, आयुर्वेद और युनानी डॉक्टरों को भी जोड़ा गया है. आयुर्वेद और होमियोपैथी के 24 डॉक्टर भी इस एप से जुड़े हैं और सारे कंसलटेशन का काम मुफ्त में किया जा रहा है. यही नहीं इस एप में लॉकडाउन के दौरान लोगों को हो रही मेंटल हेल्थ समस्याओं का भी ख्याल रखा जा रहा है और उन्हें भी सपोर्ट किया जा रहा है.
एप को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आपको जो परेशानी हो आप उस ऐप को खोलने के बाद उस लोगो को दबा कर डॉक्टर का परामर्श ले सकते हैं. इसमें प्रसूति विशेषज्ञ, दिल, दांत, न्यूरोलॉजिस्ट, डायबिटीज, मोटापा, गैस्ट्रो, इएनटी सहित जेनरल फिजिशियन शामिल हैं.
चांदना बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान चूंकि सारी दुकाने बंद हैं तो शराब के सेवन करने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे तीन लोग भी सामने आए जिनकी बुधवार को मनोचिकित्सकों ने मदद की है.
बता दें कि लगातार देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए शहरों के अस्पतालों में ओपीडी को बंद कर दिया गया था और सरकार ने मरीजों से आग्रह किया था कि वह टेलीमेडिसिन का सहारा लेकर अपना इलाज कराएं. वहीं इमरजेंसी सर्विस सभी अस्पतालों में चल रही है.
27 मार्च को मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि वह टेलीमेडिसिन की सुविधा का पूरा फायदा उठाएं. देश के सभी अस्पतालों में टेलीमेडिसिन सेंटर के शुरू करने की बात भी कही थी.
देश के बड़े शहरों और निजी अस्पतालों में चलाई जा रही टेलीमेडिसिन की इस सुविधा के लिए डॉक्टर भारी भरकम फीस ले रहे हैं. जबकि सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा पूरी तरह से मुफ्त दी जा रही है.
इस प्रोजेक्ट में ज़िले की कलेक्टर ने काफी रुचि दिखाते हुए इस प्रोजेक्ट में कई नई चीजें भी जुड़वाई हैं. इस टेली-कंसलटेशन के ज़रिए लोग न केवल डॉक्टरों से बातचीत कर अपनी परेशानी बताएंगे साथ ही वीडियो कॉलिंग के ज़रिए डॉक्टर मरीज को देख भी सकेंगे. दवाओं वाला प्रिसक्रिप्शन मरीज को ऑनलाइन भेजा जाएगा. पंचायत का सचिव जो गांव का नोडल ऑफिसर को इस वीडियो कनेक्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सरकार के साथ इस प्रोजेक्ट में कलेक्टर के साथ तेलंगाना इनफॉरमेंशन टेक्नॉलोजी एसोसिएशन ने अहम भूमिका निभाई है. इस प्रोजेक्ट के लिए सभी गांव के चिकित्सा अधिकारियों के साथ साथ नोडल ऑफिसर और पंचायत के सरपंच को भी इसकी ट्रेनिंग दी गई है.बता दें जिस तरह से देश में कोरोनासंक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए सरकार लॉकडाउन की अवधि को 21 दिन से बढ़ाने जा रही है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी राव ने प्रधानमंत्री से विशेषतौर पर लॉकडाउन को बढ़ाने की मांग की है.