नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने यूआईडीएआई के आंकड़ों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में केवल 11,272 विदेशी नागरिकों के पास आधार है।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर उनके इस कथित दावे के लिए निशाना साधा कि बड़ी संख्या में विदेशियों के पास आधार कार्ड है।
गोखले ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भुवनेश कुमार द्वारा उनके पत्र के जवाब की एक प्रति साझा की। इस पत्र में उन्होंने विदेशी नागरिकों को जारी की गई आधार संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी।
गोखले ने अपने पोस्ट में कहा, ‘मैंने यूआईडीएआई को पत्र लिखकर पूछा था कि भारत में विदेशी नागरिकों को कितने आधार कार्ड जारी किए गए हैं। जवाब? केवल 11,272 विदेशी।’
उन्होंने कहा, ‘पिछले एक साल से, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा यह दावा कर रही है कि बड़ी संख्या में अवैध विदेशी प्रवासियों को भारत में आधार कार्ड जारी किए गए हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आधार कार्ड मोदी सरकार के तहत यूआईडीएआई द्वारा जारी किए जाते हैं, न कि राज्य सरकारों द्वारा।’
सांसद ने कहा कि अगर यूआईडीएआई को पता है कि केवल 11,272 विदेशियों के पास आधार कार्ड हैं, तो यह स्पष्ट है कि बाकी भारतीय नागरिक हैं।
उन्होंने सवाल किया, ‘ऐसी स्थिति में, ईसीआई (भारत निर्वाचन आयोग) क्यों दावा कर रहा है कि आधार को नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता?’
निर्वाचन आयोग ने शुरू में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में यह कहते हुए मानने से इनकार कर दिया था कि यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
लेकिन उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद, आयोग ने इसे सूची में 12वें दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया।
गोखले ने कहा, ‘ईसीआई ने उच्चतम न्यायालय द्वारा आदेश दिए जाने के बाद ही एसआईआर (‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’) कवायद के लिए आधार स्वीकार करना शुरू किया।’
राज्यसभा सदस्य ने ‘लाखों विदेशी प्रवासियों’ के पास आधार कार्ड होने का दावा करने के लिए शाह पर भी हमला किया।
टीएमसी नेता ने पूछा, ‘अगर यूआईडीएआई आधार कार्ड रखने वाले विदेशियों की संख्या जानता है, तो अमित शाह ने झूठा दावा क्यों किया है कि लाखों विदेशी प्रवासियों के पास आधार है?’
इस साल मार्च में लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए, शाह ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी और असम में पूर्व में सत्ता में रही कांग्रेस पर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को भारत में प्रवेश करने की अनुमति देने और उन्हें आधार और मतदाता कार्ड जारी करने का आरोप लगाया था।
गोखले ने कहा कि फर्जी आधार का पता लगाने में ’10 सेकंड’ लगते हैं क्योंकि यह बायोमेट्रिक से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि फिर अमित शाह यह दावा क्यों करते हैं कि नकली आधार का उपयोग किया जा रहा है?’
सांसद ने कहा कि भारत में मौजूद 142 करोड़ आधार कार्ड में से, विदेशी नागरिकों को जारी किए गए आधार कार्डों की संख्या केवल 0.007 प्रतिशत है।
उन्होंने आरोप लगाया, “यह स्पष्ट है कि ईसीआई एसआईआर के बहाने पिछले दरवाज़े से एनआरसी जैसी प्रक्रिया चला रहा है… ईसीआई एसआईआर ( ‘साइलेंट इनविज़िबल रिगिंग’) का इस्तेमाल उन आम भारतीय नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाने और उनकी नागरिकता छीनने के लिए कर रहा है, जो भाजपा को वोट नहीं देते।
यूआईडीएआई के सीईओ ने गोखले को जवाब देते हुए कहा कि आधार कानून, 2016 के अनुसार “निवासी” वह व्यक्ति होता है, जो आधार के लिए आवेदन करने से पहले के 12 महीनों में कम से कम 182 दिन भारत में रहा हो।
इसमें कहा गया है कि इन मानदंडों को पूरा करने वाले विदेशी नागरिक आधार के हकदार हैं, जिसका उपयोग वे मोबाइल नंबर लेने और बैंक खाते खोलने जैसे उद्देश्यों के लिए अपनी पहचान स्थापित करने के वास्ते कर सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि ‘निवासी विदेशी’ की श्रेणी के तहत आज तक कुल 11,272 आधार संख्याएं जारी की गई हैं, और सीमित वैधता वाले आधार “निवासी विदेशियों” को जारी किए जाते हैं, जिनकी वैधता उनके वीजा के साथ होती है।
भारत के प्रवासी नागरिकों को दस साल की वैधता वाला आधार जारी किया जाता है।
भाषा नोमान माधव
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