भोपाल, 22 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को मध्यप्रदेश सरकार पर आदिवासी बहुल झाबुआ, अलीराजपुर, धार और रतलाम जैसे जिलों को शराब तस्करी के ‘सुरक्षित गलियारे’ के रूप में तब्दील करने का आरोप लगाते हुए इन इलाकों में धार्मिक स्थलों की तर्ज पर मद्यनिषेध लगाने की मांग की।
आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता में दावा किया कि इन आदिवासी अंचलों से बड़ी मात्रा में अवैध तरीके से शराब की खेप गुजरात पहुंचाई जाती है, जहां इस पर प्रतिबंध है।
उन्होंने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल खासकर गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से सटे झाबुआ, अलीराजपुर, धार और रतलाम जैसे जिले शराब तस्करी के सुरक्षित गलियारे और शराब तस्करों के अभयारण्य बन गए हैं। समय-समय पर बड़ी मात्रा में पकड़े जाने वाली शराब की खेप इस बात का सबूत है।’’
भूरिया ने आरोप लगाया कि बिना राज्य सरकार, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के ‘मिलीभगत या संरक्षण’ के यह शराब तस्करी संभव ही नहीं है।
मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात सीमा से सटे झाबुआ और अलीराजपुर में शराब तस्करी के लिए सात गलियारे बना दिए गए हैं तथा वहां शराब दुकानें गुजरात की सीमा से 400 मीटर से लेकर पांच किलोमीटर तक की दूरी पर खोली गयी हैं ताकि सुगमता से शराब की तस्करी की जा सके।
कांग्रेस नेता ने गुजरात की सीमा के आसपास के शराब के सभी ठेकों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की भी मांग की।
झाबुआ के विधायक भूरिया ने यह सवाल भी उठाया कि गुजरात की सीमा से सटे सीमावर्ती गांवों में एक-एक शराब दुकान का ठेका 13-13 करोड़ रुपये में दिया गया जबकि यह इलाका पिछड़ा और गरीब है और यहां की आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है।
उन्होंने पूछा, ‘‘ऐसे में शराब की खपत कहां जाती है?’’
उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में महुआ की शराब को छोड़कर हर तरह की शराब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि महुआ शराब का उपयोग आदिवासी परम्परा और पूजा पद्धतियों का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासी बहुल क्षेत्रों में हमारी संस्कृति और हमारे भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हम सरकार से मांग करते हैं कि वहां महुआ से बनने वाली शराब को छोड़कर अन्य शराबों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।’’
भूरिया ने कहा कि जब धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी की जा सकती है तो फिर राज्य के आदिवासी इलाकों में इस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा सकता है।
मध्यप्रदेश में धार्मिक महत्व के 19 शहरों और कुछ ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में शराब पर प्रतिबंध लागू है। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक शामिल हैं। इसके अलावा सलकनपुर, कुंडलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायतों में भी शराबबंदी लागू है।
भाषा ब्रजेन्द्र राजकुमार
राजकुमार
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