नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने कर्नाटक में जारी ड्रेस कोड विवाद को लेकर कुछ देशों की आलोचना पर बृहस्पतिवार को अपना रुख दोहराया और स्पष्ट किया कि आंतरिक मामलों में बाहरियों की टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं होंगी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में हिजाब विवाद से जुड़े एक सवाल पर कहा, ‘यह विदेश मंत्रालय का विषय नहीं है. हमारी कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं है. आपने हमारे बयानों को देखा होगा कि यह भारत का आंतरिक मामला है, इस पर किसी बाहरी व्यक्ति या किसी अन्य देश की कोई भी टिप्पणी स्वागत योग्य नहीं है.’
बागची ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में एक संवैधानिक तंत्र, न्यायिक प्रणाली और लोकतांत्रिक लोकाचार है, जो ऐसे मुद्दों का हल तलाशने के लिए रूपरेखा प्रदान करता है. उन्होंने कहा, ‘यह मुद्दा विचाराधीन है. कर्नाटक उच्च न्यायालय इस पर विचार कर रहा है.’
बागची ने स्पष्ट किया कि आंतरिक मुद्दों और भारत के संविधान तथा इसके नागरिकों से जुड़े मामलों में बाहरियों की टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं होंगी.
भारत ने पिछले हफ्ते कुछ देशों की आलोचना को खारिज कर दिया था और कहा था कि देश के आंतरिक मुद्दों पर ‘प्रेरित टिप्पणियों’ का स्वागत नहीं किया जाएगा. बागची ने कहा था कि जो लोग भारत को अच्छी तरह से जानते हैं, उनमें हकीकत के प्रति उचित सम्मान होगा.
भारत ने इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की देश खिलाफ ‘प्रेरित टिप्पणियां’ करने के लिए मंगलवार को आलोचना की थी. हरिद्वार में नफरती भाषण दिये जाने और कर्नाटक के ड्रेस कोड विवाद पर ओआईसी द्वारा चिंता जताये जाने के एक दिन बाद भारत ने उस पर ‘सांप्रदायिक मानसिकता’ रखने का आरोप भी लगाया था.
इस बीच, क्वाड से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए बागची ने बृहस्पतिवार को कहा कि समूह ने थोड़े समय में एक लंबा सफर तय किया है.
भाषा पारुल अमित
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