नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) जीएसटी दरों में कटौती लागू होने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने की पुरजोर वकालत की।
उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे।
मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि नवरात्रि के पहले दिन से ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू होगा और आयकर छूट के साथ यह ज्यादातर लोगों के लिए ”दोहरा लाभ” होगा।
संशोधित जीएसटी दरों के लागू होने की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वदेशी देश की समृद्धि को उसी तरह मजबूती देगा, जिस तरह इसने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को शक्ति दी थी।
उन्होंने कहा, ”हमें हर घर को स्वदेशी का प्रतीक बनाना होगा। हमें हर दुकान को स्वदेशी (सामान) से सजाना होगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि विकास की दौड़ में सभी राज्य समान हितधारक होंगे। उन्होंने राज्यों से ‘आत्मनिर्भर भारत’ और स्वदेशी अभियानों को ध्यान में रखते हुए विनिर्माण को गति देने का आग्रह किया।
मोदी ने कहा, ”नवरात्रि के पहले दिन, देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। कल सूर्योदय के साथ, अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो जाएंगे। कल से ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू होगा।”
उन्होंने आगे कहा, ”आप अपनी पसंद की वस्तुएं ज्यादा आसानी से खरीद पाएंगे… इससे गरीब, मध्यम वर्ग, नव मध्यम वर्ग, युवा, किसान, महिलाएं, व्यापारी और दुकानदार लाभान्वित होंगे।”
मोदी ने कहा कि त्योहारों के इस मौसम में सभी की खुशियां बढ़ेंगी।
उन्होंने अगली पीढ़ी के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों के लिए सभी को बधाई दी। मोदी ने कहा, ”ये सुधार भारत की वृद्धि गाथा को गति देंगे, कारोबारी सुगमता को बढ़ाएंगे और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत ने 2017 में जीएसटी सुधारों की ओर कदम बढ़ाया, तो इतिहास रचने की एक नई शुरुआत हुई।
उन्होंने कहा कि जीएसटी ने ‘एक राष्ट्र-एक कर’ के सपने को साकार किया। मोदी ने इस बात का उल्लेख भी किया कि कैसे करों और टोल के जाल ने व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए कठिनाइयां पैदा की हैं।
उन्होंने 12 लाख रुपये तक की आय पर आयकर छूट और जीएसटी सुधारों का हवाला देते हुए कहा कि यह गरीबों, नव-मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए दोहरा लाभ है। इससे उन्हें खर्च में कटौती और बचत बढ़ाकर अपने सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन दोनों फैसलों से नागरिकों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों से छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बड़ा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों से स्वदेशी सामान बेचने और खरीदने में गर्व महसूस करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी आंदोलन की तरह, भारत की समृद्धि भी स्वदेशी के मंत्र से मजबूत होगी।
जीएसटी सुधारों के लागू होने से रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, दवाओं और उपकरणों से लेकर ऑटोमोबाइल तक, लगभग 375 वस्तुओं पर दरें सोमवार से घट जाएंगी।
उपभोक्ताओं को एक बड़ा तोहफा देते हुए, केंद्र और राज्यों की जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से जीएसटी की दरें कम करने का फैसला किया था।
मोदी ने अपने 19 मिनट से ज्यादा के संबोधन में कहा कि संशोधित जीएसटी दरें उनकी सरकार के ”नागरिक देवो भव:” के मंत्र को दर्शाती हैं, क्योंकि इससे रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के दाम कम होंगे और निर्माण एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में खर्च में कटौती होगी।
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भारत के सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और उन्होंने देश में ही यथासंभव विनिर्माण का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों से एमएसएमई को बड़ा लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने लोगों से अपने विकल्पों को लेकर अधिक जागरूक होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विदेशी मूल की वस्तुएं अनजाने में लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बन गई हैं, और उन्होंने लोगों से स्वदेशी पृष्ठभूमि वाले उत्पाद खरीदने का आह्वान किया।
मोदी ने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में उद्योग जगत की अग्रणी भूमिका पर भी खुशी जताई।
उन्होंने कहा कि नए ढांचे के तहत, मुख्य रूप से केवल पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत के कर स्लैब ही बचे हैं। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा की जरूरत के खाद्य पदार्थ, दवाएं, साबुन, मंजन, टूथपेस्ट, स्वास्थ्य और जीवन बीमा या तो कर-मुक्त होंगे या उन पर केवल पांच प्रतिशत कर लगेगा।
उन्होंने कहा कि पहले 12 प्रतिशत कर वाली लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएं अब पांच प्रतिशत कर दायरे में आती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों से नागरिक और व्यापारी करों के एक जटिल जाल में उलझे हुए थे।
मोदी ने 2014 में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद एक विदेशी समाचार पत्र में पढ़ी एक खबर का जिक्र किया, जिसमें लिखा था कि एक कंपनी को करों की अधिकता के कारण 570 किलोमीटर की दूरी पर बेंगलुरु से हैदराबाद तक माल पहुंचाना, अपने उत्पादों को यूरोप भेजने और फिर वापस हैदराबाद लाने की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण लगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलकर उनकी चिंताओं को दूर करने और 2017 में ”एक राष्ट्र एक कर” लागू करने के लिए उन्हें सहमत करने का काम किया।
उन्होंने कहा कि जब केंद्र और राज्य मिलकर काम करेंगे, तो आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
भाषा पाण्डेय नरेश
नरेश
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