पुणे, एक जून (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि नगालैंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सात विधायक “काम न होने से बेचैनी” के कारण वहां सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए।
राकांपा के सभी सात विधायक शनिवार को मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में शामिल हो गए, जिससे 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 32 हो गई।
पूर्वोत्तर राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों में एनडीपीपी और उसकी सहयोगी भाजपा के बाद राकांपा राज्य में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। भाजपा ने 12 सीट जीती थीं।
जुलाई 2023 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन होने और अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के महाराष्ट्र में तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद, इन सात विधायकों ने पार्टी के संस्थापक शरद पवार के बजाय उपमुख्यमंत्री के साथ रहना पसंद किया था।
अजित पवार ने यहां मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘दो महीने पहले सभी विधायकों ने मुझसे मुलाकात की थी और वहां (नगालैंड में) उनके काम नहीं होने की शिकायत की थी। वहां बेचैनी थी, यह सच है। ये विधायक असहज महसूस कर रहे थे।’
एनडीपीपी के 32 और भाजपा के 12 विधायकों के अलावा, राज्य विधानसभा में एनपीपी के पांच, लोजपा (रामविलास), नगा पीपुल्स फ्रंट और आरपीआई (आठवले) के दो-दो सदस्य, जद(यू) का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं।
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नोमान प्रशांत
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