नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने “उल्लंघन” का हवाला देते हुए दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) लाइसेंस को रद्द कर दिया है. यह कदम मंत्रालय द्वारा पहली बार CPR का लाइसेंस निलंबित करने के 10 महीने बाद उठाया गया है.
दिप्रिंट ने मंत्रालय की वेबसाइट पर थिंक-टैंक के एफसीआरए लाइसेंस की स्थिति की पुष्टि की है.
किसी भी गैर-लाभकारी संगठन के लिए विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए एक वैध FCRA लाइसेंस आवश्यक है. एक बार अनुमति मिलने के बाद, यह पांच साल के लिए वैध होता है और बाद में इसे नवीनीकृत करना पड़ता है.
इसकी वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, सीपीआर 1973 में स्थापित एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक नीति अनुसंधान संस्थान है.
गृह मंत्रालय ने सबसे पहले पिछले साल फरवरी में कथित उल्लंघनों के लिए थिंक-टैंक के FCRA लाइसेंस को 180 दिनों के लिए निलंबित कर दिया था. बाद में निलंबन बढ़ा दिया गया.
ऐसा दो महीने बाद हुआ जब आयकर विभाग ने सीपीआर के परिसर पर टैक्स ‘सर्वे’ के बाद थिंक टैंक को कारण बताओ नोटिस दिया, जिसमें पूछा गया कि 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 12A के तहत उसकी कर छूट क्यों नहीं रद्द की जानी चाहिए. यह प्रावधान गैर-लाभकारी संस्थाओं को अधिनियम की धारा 11 और 12 के तहत पूर्ण कर छूट का दावा करने में सक्षम बनाता है.
टैक्स छूट की स्थिति को बाद में पिछले साल जून में रद्द कर दिया गया था.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि पिछले साल जब पहली बार इसका लाइसेंस 180 दिनों के लिए निलंबित किया गया था तो संगठन से कुछ दस्तावेज़ जमा करने के लिए कहा गया था. अधिकारी ने कहा, “बाद में, निलंबन बढ़ा दिया गया और अब इसे रद्द कर दिया गया है क्योंकि वे एफसीआरए मानदंडों का उल्लंघन करते पाए गए थे.”
सीपीआर की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी यामिनी अय्यर ने दिप्रिंट को बताया कि थिंक टैंक को 10 जनवरी को एफसीआरए लाइसेंस रद्द करने के बारे में MHA से एक नोटिस मिला था.
सीपीआर अध्यक्ष ने बुधवार को एक लिखित बयान में दिप्रिंट को बताया, “इस निर्णय का आधार समझ से परे और असंगत है, और दिए गए कुछ कारण एक रिसर्च इंस्टीटूशन के कामकाज के आधार को चुनौती देते हैं. इसमें हमारे रिसर्च से निकलने वाली नीति रिपोर्टों को समसामयिक मामलों की प्रोग्रामिंग के साथ जोड़कर हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित करना शामिल है.”
उन्होंने कहा, इस तरह की कार्रवाइयों से “फंडिंग के सभी स्रोतों को अवरुद्ध करके” संस्थान की कार्य करने की क्षमता पर गलत प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि इसने “नीतिगत मामलों पर उच्च गुणवत्ता, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अनुसंधान के उत्पादन के अपने सुस्थापित उद्देश्य को आगे बढ़ाने की संस्थान की क्षमता को कमजोर कर दिया है, जिसे इसके 50 वर्षों से अधिक के अस्तित्व के लिए मान्यता दी गई है.”
सीपीआर उन कई संगठनों में से एक है जिनके एफसीआरए लाइसेंस “उल्लंघन” का हवाला देते हुए रद्द कर दिए गए हैं. जैसा कि दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट किया था, ऑक्सफैम इंडिया ट्रस्ट, एक गैर सरकारी संगठन जो बाल शिक्षा का समर्थन करने, महिलाओं को सशक्त बनाने और असमानता के खिलाफ लड़ने के लिए काम कर रहा है, उन 6,000 गैर-सरकारी संगठनों में से एक था, जिनके लाइसेंस 1 जनवरी, 2022 से “उल्लंघन पाए जाने” के कारण बंद हो गए.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने तब दिप्रिंट को बताया था कि लगभग 6,000 संगठनों में से 5,789 ने “कई बार याद दिलाने के बावजूद” नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, जबकि अन्य 179 में से ऑक्सफैम को नवीनीकरण से वंचित कर दिया गया था.
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