शिमला, दो जून (भाषा) शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने 2023 में एक रेस्तरां में हुए विस्फोट मामले में उन्हें फंसाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को गुमराह किया कि घटनास्थल से आरडीएक्स के नमूने मिले थे।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय पर ‘‘षड्यंत्र’’ रचने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि शिमला में एक भोजनालय में गैस रिसाव से हुए विस्फोट को आतंकवादी कृत्य के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया।
शिमला में मॉल रोड के पास मिडल बाजार में 18 जुलाई 2023 की शाम को एक भोजनालय में हुए विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
यह दूसरी बार है जब पुलिस अधीक्षक गांधी ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने 24 मई को एक प्रेस वार्ता में पूर्व डीजीपी संजय कुंडू और अतुल वर्मा के साथ-साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
इसमें उन्होंने तत्कालीन डीजीपी वर्मा पर सार्वजनिक रूप से निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने ‘एचपीपीसीएल’ कर्मचारी विमल नेगी की मौत की जांच के संबंध में ‘एसआईटी’ में ‘भ्रामक रिपोर्ट’ दाखिल की थी। डीजीपी वर्मा ने बाद में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा को एक पत्र लिखकर गांधी के निलंबन की मांग की। कुछ दिनों बाद गांधी, वर्मा और शर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया था।
पुलिस अधीक्षक गांधी ने सोमवार को कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों और राज्य सीआईडी ने साबित कर दिया है कि शिमला रेस्तरां मामला गैस रिसाव का था।
उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार 10 किलोग्राम गैस लीक होने के कारण विस्फोट हुआ था।
पुलिस अधीक्षक गांधी ने कहा कि घटना के पांच दिन बाद राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को बुलाया गया जिसने शिमला पुलिस के साथ कोई समन्वय किए बिना तीन दिन तक घटनास्थल का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि घटनास्थल से लिए गए नमूनों को गवाहों के सामने सील नहीं किया गया था।
एसपी ने दावा किया कि बाद में एनएसजी ने रिपोर्ट दर्ज की कि यह एक ‘‘आतंकवादी घटना’’ थी जिसमें संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) और आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस अधीक्षक गांधी ने कहा कि इसके बाद तत्कालीन डीजीपी ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कहा कि शिमला पुलिस की ओर से लापरवाही बरती गई है। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई गई है।
उन्होंने कहा कि सीआईडी ने भी घटना की जांच पूरी कर ली है और पाया है कि विस्फोट गैस रिसाव के कारण हुआ था। उन्होंने कहा कि इसमें आरडीएक्स या आईईडी का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
भाषा शोभना मनीषा
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