भुवनेश्वर, 21 अगस्त (भाषा) ओडिशा सरकार ने राज्य में लगभग 800 चक्रवात/बाढ़ आश्रयों के निर्माण और आपदा रोधी विद्युत अवसंरचना के लिए केंद्र से 9,500 करोड़ रुपये की सहायता राशि मांगी है। एक मंत्री ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के दौरान यह मांग उठाई थी।
पुजारी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य के विभिन्न चक्रवात संभावित क्षेत्रों में लगभग 1,000 चक्रवात आश्रय स्थल हैं और हाल ही में इन आश्रय स्थलों की मरम्मत की गई है ताकि इन्हें उपयोग में लाया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘राज्य को किसी भी अप्रत्याशित बड़ी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार करने को हमने केंद्र से 800 चक्रवात आश्रयों के निर्माण के लिए 2,000 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।’
मंत्री ने कहा कि चक्रवात आश्रय स्थल स्कूल परिसर के अंदर स्थापित किए जाएंगे ताकि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों को आश्रय की जरूरत पूरी होने पर वर्षभर छात्र इनका उपयोग कर सकें।
केंद्रीय गृह मंत्री के साथ अपनी बैठक के दौरान पुजारी ने राज्य के चक्रवात और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बिजली लाइनों की भूमिगत केबलिंग के कार्यान्वयन की मांग भी उठाई।
उन्होंने बताया कि चूंकि बिजली के बुनियादी ढांचे को आमतौर पर चक्रवात और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अधिकतम नुकसान होता है इसलिए आपदा-प्रतिरोधी बिजली बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि यदि तटीय क्षेत्रों में बिजली वितरण लाइनों को भूमिगत कर दिया जाए तो बिजली के बुनियादी ढांचे को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है और प्रभावित लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकती है।
मंत्री ने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार परियोजना के क्रियान्वयन के लिए लगभग 7,500 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
पुजारी ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को ओडिशा में प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन की सफलता की कहानियों पर आधारित सात पुस्तिकाएं सौंपी हैं।
उन्होंने राज्य के कुछ तटीय इलाकों में हो रहे मृदा क्षरण की ओर भी शाह का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘मैंने इस समस्या के समाधान के लिए उनका सहयोग मांगा।’
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक के दौरान पुजारी ने कहा कि उन्होंने ओडिशा में भूमि बंदोबस्त के लिए सर्वे इंडिया को शामिल करने का अनुरोध किया है।
भाषा सुमित पवनेश
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