नई दिल्ली: ओडिशा में हुए रेल दुर्घटना में कम 275 लोगों की जान चली गई और 1000 से अधिक लोग घायल हुए है. अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी कि अभी भी 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है.
पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है. “दुर्घटना में लगभग 1,100 लोग घायल हुए, जिनमें से लगभग 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. राज्य के विभिन्न अस्पतालों में लगभग 200 लोगों का इलाज किया जा रहा है. दुर्घटना में मरने वाले 278 लोगों में से 101 शवों का आना बाकी है.”
बालासोर में हुए रेल इस दुखद घटना का पूरे भारत में गहरा प्रभाव पड़ा है.
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने बताया, “भुवनेश्वर में रखे गए कुल 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है. 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर 1929 पर 200 से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं. शवों की शिनाख्त कर परिजनों को सौंपी जा रही है.”
डीएनए नमूना लेने के बाद सौंपे जाएंगे शव
ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले डीएनए नमूने ले रहे है जिसके बाद ही शव सौंप रहें है.
बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया. शव के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उसकी पहचान कर पाना मुश्किल था.
राज्य सरकार यह तय करने में असमर्थ हो गई कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया.
एक अधिकारी ने बताया, “डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे। हमें संदेह है कि रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों पर झूठे दावे कर सकते हैं.”
दुर्घटना तब हुई जब शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कई डिब्बे बगल के ट्रैक पर पटरी से उतर गए. इसके बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जा रही हावड़ा एक्सप्रेस, तेज गति से प्रभावित डिब्बों से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप पटरी से उतर गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्राउंड जीरो से बालासोर दुर्घटनास्थल का जायजा लिया था और अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से भी मुलाकात की थी.
दुर्घटनास्थल पर जाने से पहले, पीएम मोदी ने उसी पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की थी.
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