भोपाल, 19 फरवरी (भाषा) कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने बुधवार को मध्यप्रदेश सरकार पर हजारों छात्रों को छात्रवृत्ति न देने का आरोप लगाया और जल्द ही राशि जारी न होने पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी।
संगठन ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को छात्रवृत्ति वितरण में भेदभाव का भी आरोप लगाया।
एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रवक्ता विराज यादव ने एक बयान में कहा, ‘यदि भाजपा सरकार जल्द ही धन जारी नहीं करती है तो हम मध्यप्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे।’
उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में 2022 अकादमिक सत्र में प्रवेश लेने वाले हजारों छात्रों को अब तक ‘मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति’ नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, ‘इस वजह से छात्र आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और कई छात्रों को कर्ज लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।’
यादव ने बताया कि एनएसयूआई ने मंगलवार को मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य अधिकारियों को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा हैं।
यादव ने कहा, ‘हमारी मांगों में मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना और अन्य कार्यक्रमों के तहत लंबित राशि को तत्काल जारी करना और एससी तथा एसटी छात्रों के लिए समान अवधि की छात्रवृत्ति शामिल है।’
उन्होंने कहा कि फिलहाल अनुसूचित जाति के छात्रों को 12 महीने की छात्रवृत्ति मिलती है जबकि अनुसूचित जनजाति के छात्रों को केवल 10 महीने की छात्रवृत्ति दी जाती है। यह असंवैधानिक है।
एनएसयूआई पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को 10 मार्च से शुरू हो रहे मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में उठाएगी। यदि सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो एनएसयूआई प्रदेशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेगी।
भाषा राखी माधव
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