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Monday, 20 May, 2024
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तलोजा जेल में बंद आदिवासी कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को जेल सुविधा दिलवाने के लिए NHRC से विकलांग अधिकार संगठन ने की मांग

महाराष्ट्र में पुणे के निकट कोरेगांव-भीमा में एक जनवरी 2018 को हुई भीड़ हिंसा में कथित भूमिका के लिए 83 वर्षीय स्वामी को गिरफ्तार किया गया था.

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नई दिल्ली : महाराष्ट्र की तलोजा जेल में बंद आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के लिए रहने की उचित व्यवस्था करने और उन्हें सहायक वस्तुओं मसलन सिपर और स्ट्रॉ (तरल पदार्थ के सेवन के लिए काम आने वाले) मुहैया करवाने के लिए द नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर दी राइट्स ऑफ डिसएबल्ड (एनपीआरडी) ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.

महाराष्ट्र में पुणे के निकट कोरेगांव-भीमा में एक जनवरी 2018 को हुई भीड़ हिंसा में कथित भूमिका के लिए 83 वर्षीय स्वामी को गिरफ्तार किया गया था.


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स्वामी पार्किंसन्स रोग से पीड़ित हैं और उन्होंने हाल में एक विशेष अदालत में आवेदन दायर कर मांग की थी कि उन्हें स्ट्रॉ और सिपर का इस्तेमाल करने दिया जाए.

एनपीआरडी के महासचिव मुरलीधरन ने एनएचआरसी के अध्यक्ष को दी याचिका में मांग की है कि स्वामी के लिए उनकी आयु और शारीरिक अक्षमता के अनुरूप रहने की व्यवस्था की जाए, स्ट्रॉ और सिपर जैसी मददगार वस्तुएं तथा आवश्यकतानुसार मानवीय देखभाल सहायता मुहैया करवाने के लिए आयोग तुरंत हस्तक्षेप करे.

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मुरलीधरन ने कहा, ‘अपनी स्थिति के कारण (उनके दोनों हाथों में कंपन होता है) वह तरल पदार्थ और पानी पीने के लिए सिपर और स्ट्रॉ का इस्तेमाल करते हैं. जब एनआईए ने उन्हें गिरफ्तार किया तब उनके पास ये (आवश्यक) वस्तुएं थीं. लेकिन एनआईए ने उन्हें ये वस्तुएं लौटाने से इनकार कर दिया और जेल के अधिकारियों ने उन्हें ये सस्ती लेकिन आवश्यक मददगार वस्तुएं देने से मना कर दिया। हाथों में कंपन के कारण उन्हें खाने में भी कठिनाई होती है.’

मुरलीधरन ने पत्र में लिखा, ‘वह अपने आप नहाने, पानी लाने या कपड़े धोने में सक्षम नहीं हैं. स्टेन को सुनने में भी परेशानी होती है और दोनों कानों के लिए उन्हे हियरिंग एड की जरूरत है.’

एनपीआरडी के महासचिव ने एनएचआरसी से अनुरोध किया कि वह तलोजा जेल में एक दल को भेजें और पता लगाएं कि जेल परिसर में स्वामी को किसी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं.

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