देहरादून, 16 मार्च (भाषा) कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बुधवार को कहा कि उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने की मनगढंत बात गढ़कर उन्हें ‘मुस्लिम परस्त’ साबित करने वाली ताकतें अब उनकी विधायक पुत्री अनुपमा रावत की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं ।
फेसबुक पर अपनी पोस्ट में रावत ने कहा कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रसंग को वह अपनी ओर से यहीं समाप्त करना चाहते हैं । उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ताकतें उन्हें केवल मुस्लिम परस्त सिद्ध करना चाहती हैं और दूसरी बात यह है कि कांग्रेस की व्यूह रचना के सफल होने की संभावना को समाप्त करने के लिए उन ताकतों ने यह मुस्लिम अस्त्र खोजा ।
रावत ने कहा, ‘‘…उन ताकतों को यह लगा कि बिना कोई मुस्लिम अस्त्र खोजे उनकी नैया पार नहीं हो सकती है, इसलिए मुस्लिम अस्त्र उन्हीं का गढ़ा हुआ है ।’’
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मामले में जो प्राथमिकी दर्ज करवाई है, उससे भी स्पष्ट है कि नकली अखबार और झूठा समाचार छपवाकर किस प्रकार से उसे भाजपा के सोशल मीडिया के सिपाहियों से लेकर उनके शीर्ष सिपाहियों ने भी उस अस्त्र का उपयोग उनकी व्यूह रचना और हरीश रावत की राजनीति ध्वस्त करने के लिए किया ।
हाल में हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा राज्य में मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थापित किए जाने की कथित योजना का मुद्दा प्रमुखता से उठा था जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा नेताओं ने उसका तुष्टिकरण एजेंडा बताया था ।
स्वयं को किसी जाति धर्म परस्त नहीं बल्कि मानवता परस्त बताते हुए रावत ने आरोप लगाया कि अब वही ताकतें उनकी बेटी की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने के लिए झूठ का सहारा ले रही हैं।
रावत ने कहा, ‘‘मेरी बेटी ने भी एक प्राथमिकी दर्ज करवाई है जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि किस तरीके से एक झूठा बयान गढ़ कर कहा जा रहा है कि वह केवल मुसलमानों के वोट से जीती हैं ।’’
रावत ने कहा कि अनुपमा सर्व समाज के आशीर्वाद से जीती हुई बेटी है और हरिद्वार ग्रामीण के सर्व समाज ने उसे अपनी बेटी मानकर विधायक का दायित्व सौंपा है जिसे वह निष्ठा पूर्वक निभाएंगी ।
भाषा दीप्ति दीप्ति राजकुमार
राजकुमार
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