नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं का मानना है कि दिल्ली में 26 साल बाद पार्टी की सत्ता में वापसी से एक ऐसी सरकार बनेगी, जिसके उपराज्यपाल कार्यालय के साथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध होंगे।
भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी की जीत से समग्र शासन और सार्वजनिक सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने की दिशा में बड़े सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के शासन के दौरान, वर्तमान उपराज्यपाल वी के सक्सेना और उनके पूर्ववर्ती उपराज्यपालों अनिल बैजल एवं नजीब जंग के साथ ‘आप’ की टकराव की स्थिति बनी रही, जिसके कारण प्रशासन और सेवाओं की आपूर्ति में बाधाएं उत्पन्न हुईं।
उपराज्यपाल की नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार संभालने के बाद सक्सेना का मई 2022 में ‘आप’ सरकार के साथ स्वच्छता, यमुना के प्रदूषण स्तर, बुनियादी ढांचे और नीति एवं शासन से संबंधित अन्य मामलों पर कई बार टकराव हुआ।
दोनों पक्षों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का शासन पर बुरा प्रभाव पड़ा। उपराज्यपाल ने सेवा विभाग एवं नौकरशाही पर अपने नियंत्रण के माध्यम से ‘आप’ सरकार पर शिकंजा कसा, वहीं ‘आप’ ने इसका करारा जवाब दिया जिससे सरकार के दिन-प्रतिदिन के कामकाज पर भी असर पड़ा।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार का मुखिया होने के नाते उपराज्यपाल के पास शासन संबंधी निर्णय लेने की शक्तियां हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि दिल्ली में निर्वाचित सरकार को न केवल उनके साथ सहयोग करते हुए काम करना चाहिए, बल्कि उनके संवैधानिक पद को अपेक्षित सम्मान भी देना चाहिए जिसे ‘आप’ ने पूरी तरह नजरअंदाज किया।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा का केंद्र के साथ-साथ अब दिल्ली में भी शासन होगा और उपराज्यपाल कार्यालय के साथ समन्वय की कोई समस्या नहीं होगी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि यमुना में प्रदूषण, सड़क, जलापूर्ति, जल निकासी और सार्वजनिक परिवहन जैसे बुनियादी ढांचों की खराब स्थिति जैसे मुद्दों के समाधान के लिए उनकी पार्टी के सत्ता में आने से मदद मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा समग्र शासन में सुधार होने की उम्मीद है।
उपराज्यपाल और निर्वाचित सरकार के बीच अधिकार क्षेत्र पर अब संभवत: विवाद नहीं रहेगा। यह मुद्दा ‘आप’ के सत्ता में रहने के दौरान विवाद का प्रमुख कारण बना हुआ था।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उनकी पार्टी संवैधानिक प्राधिकारियों का सम्मान करती है और उनके साथ हमेशा समन्वय एवं सहयोग सुनिश्चित करके लोगों की सेवा करने का लक्ष्य रखती है।
सचदेवा ने कहा, ‘‘उपराज्यपाल ने हमेशा दिल्ली के लोगों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए काम किया है जो भाजपा का भी लक्ष्य है। उनके मार्गदर्शन में दिल्ली में हमारी सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली सेवाओं और सुविधाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करेगी।’’
उन्होंने कहा कि भाजपा अपने चुनाव घोषणापत्र के अनुसार, दिल्ली को ‘‘विकसित राजधानी’’ बनाने के लिए काम करेगी।
वर्ष 1998 से दिल्ली की सत्ता से बाहर रही भाजपा ने मौजूदा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ‘आप’ के एक दशक के राजनीतिक प्रभुत्व को समाप्त कर दिया।
निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 47 सीट पर जीत दर्ज की है और एक सीट पर बढ़त बनाये हुए है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत सकी।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए बुधवार को मतदान हुआ था।
भाषा सिम्मी सुभाष
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