नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के आधार पर मंजूरी दे दिये जाने के बाद देश में अब गर्भवती महिलाएं भी कोविड-19 के विरूद्ध टीका लगवाने की पात्र हो गयी हैं.
मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले के बाद गर्भवती महिलाएं कोविड टीका लगवाने के बारे में सुविचारित निर्णय ले सकती हैं और वे टीकाकरण के लिए अब कोविन पर पंजीकरण कर सकती हैं या सीधे अपने निकटतम कोविड केंद्र पर जा सकती हैं.
उसने एक बयान में कहा कि सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को इस निर्णय की सूचना उसे वर्तमान राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लागू करने के लिए दे गयी है.
भारत के कोविड टीकारण कार्यक्रम में टीकाकरण, जनस्वास्थ्य, रोग नियंत्रण एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के शीर्ष विशेषज्ञों की सिफारिशें शामिल हैं.
मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक एवं महामारी विज्ञान सबूतों पर आधारित यह कार्यक्रम स्वास्थ्य पेशेवरों, स्वास्थ्य एवं अग्रिम मोर्चा कर्मियों तथा समाज के सबसे अधिक संभावित जोखिम वाले वर्गों को सुरक्षित करके देश की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने पर बल देता है.
अब तक गर्भवती महिलाओं को छोड़कर बाकी सभी समूह कोविड टीकाकरण के पात्र थे. लेकिन अब दुनिया के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में गर्भवती महिलाओं को शामिल करने के लिए इस अभियान का विस्तार किया गया है.
मंत्रालय ने कहा कि अध्ययनों से सामने आया है कि गर्भधारण के दौरान कोविड संक्रमण से गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ सकता है और उनमें कई अन्य रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है एवं भ्रूण पर भी असर पड़ सकता है.
एनटीएजीआई ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की सिफारिश की है. कोविड -19 पर राष्ट्रीय टीकाकरण विशेषज्ञ समूह ने भी एकमत से इसकी अनुशंसा की. इसके अलावा मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के विषय पर सहमति कायम करने के लिए राष्ट्रस्तरीय एक संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया. इस संवाद कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करने की एनटीएजीआई की सिफारिश का एकमत से स्वागत किया गया.
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