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Wednesday, 20 November, 2024
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10 साल बाद आने वाले heart attack की भविष्यवाणी करेगा नया AI टूल, वैश्विक स्तर पर हुआ पहला ट्रायल

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े शोधकर्ताओं ने इसका ट्रायल किया. निष्कर्षों से पता चलता है कि 45% रोगियों में इलाज में सुधार किया जा सकता है और जोखिम में पड़े हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है.

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नई दिल्ली: एक अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) उपकरण का पहला वैश्विक परीक्षण – जो घातक दिल के दौरे के 10 साल के जोखिम की भविष्यवाणी कर सकता है, से पता चला है कि सीने में दर्द वाले लगभग 45 प्रतिशत रोगियों के इलाज में सुधार किया जा सकता है. और हज़ारो ऐसे लोगों की जान बचाई जा सकती है, जिनमें अभी रोग की पहचान तो नहीं हुई है लेकिन दिल का दौरा पड़ने का खतरा है.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए गए और ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित परीक्षण के निष्कर्ष 13 नवंबर को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिक सत्र में प्रस्तुत किए गए थे.

परीक्षण में ब्रिटेन के आठ अस्पतालों में नियमित कार्डियक कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन – कोरोनरी आर्टरीज़ में किसी भी संकुचन या रुकावट की पहचान करने के लिए एक मानक परीक्षण से गुजरने वाले 40,000 से अधिक लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया.

परीक्षण में भाग लेने वालों पर औसतन 2.7 वर्षों तक नज़र रखी गई.

शोधकर्ताओं के अनुसार, कार्डियक सीटी स्कैन कराने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों में महत्वपूर्ण संकुचन का कोई स्पष्ट संकेत नहीं होता है, इसलिए रोगियों को अक्सर आश्वस्त किया जाता है और अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है. हालांकि, इनमें से बड़ी संख्या में लोगों को दिल का दौरा पड़ता है क्योंकि अगर उनमें सूजन आ जाए तो छोटी, तो पता न चलने वाली सिकुड़न टूट सकती है और आर्टरीज़ अवरुद्ध हो सकती हैं.

परीक्षण के भाग के रूप में, शोधकर्ताओं ने एक नए AI उपकरण का उपयोग किया, जिसमें सूजन वाली आर्टरीज़ के आसपास फेट में परिवर्तन पर जानकारी का उपयोग करके प्रशिक्षित किया गया – जो दिल के दौरे जैसी घटनाओं के जोखिम के साथ-साथ धमनियों के संकुचन और अन्य नैदानिक जोखिम कारकों के बारे में जानकारी दे सकता है.

7.7 वर्षों में अतिरिक्त 3,393 रोगियों पर AI उपकरण का परीक्षण करने से पता चला कि यह स्वतंत्र रूप से और सटीक रूप से हृदय संबंधी घटना के जोखिम की भविष्यवाणी कर सकता है.

निष्कर्षों के आधार पर, शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि UK में प्रौद्योगिकी को लागू करने से इसका उपयोग करने वालों में 20 प्रतिशत से अधिक कम दिल के दौरे और 8 प्रतिशत कम हृदय संबंधी मौतें और स्ट्रोक हो सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2019 में हृदय रोगों (सीवीडी) से अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की मौत हुई, जो सभी वैश्विक मौतों का 32 प्रतिशत है. इनमें से 85 प्रतिशत मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण हुईं.

इस टेक्नोलॉजी से भारत जैसे देश को भी बहुत लाभ हो सकता है – विश्व स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, गैर-संचारी रोगों के कारण 63 प्रतिशत मौतें हुईं, जिनमें से 27 प्रतिशत CVDs (2018 के लिए डेटा) के कारण हुईं.

कोच्चि के अमृता अस्पताल में अडल्ट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जयदीप मेनन ने बताया कि CVDs के दायरे में, 10 साल या जीवनकाल के जोखिम की गणना करने में मदद करने के लिए विभिन्न स्कोर नस्लों और आबादी के अनुरूप बनाए जाते हैं.

उन्होंने कहा कि हालांकि, इन अंकों में अक्सर महत्वपूर्ण पूर्वानुमानित मूल्य का अभाव होता है, उदाहरण के लिए, मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (दिल के दौरे) के लिए भर्ती मरीजों पर एक अध्ययन से पता चला है कि पूर्वव्यापी विश्लेषण से केवल आधे पीड़ितों की पहचान ज्यादा जोखिम के रूप में हुई है.

मेनन ने कहा, “एक एआई-सक्षम सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम, जिसमें दिल के दौरे को 20 प्रतिशत और मौतों को 8 प्रतिशत तक कम करने की क्षमता है, एक आशाजनक विकास है.”

उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है, यह देखते हुए कि विश्व स्तर पर हर 1.5 सेकंड में एक व्यक्ति दिल के दौरे का शिकार होता है. नया एआई उपकरण हृदय संबंधी उपचार के परिदृश्य को बदल सकता है.


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यह टूल कैसे काम करता है

पुणे में डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कंसलटेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सी. श्रीदेवी ने बताया कि ब्रिटिश शोधकर्ताओं द्वारा विकसित AI टूल कार्डियक सीटी स्कैन पर कोरोनरी प्लाक बोझ को मापता है और दिल के दौरे की भविष्यवाणी करता है.

उन्होंने कहा, “कोरोनरी धमनियों में प्लाक का निर्माण (वसा का जमाव) धमनियों के सिकुड़ने का कारण बनता है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है.”

श्रीदेवी ने कहा, हालांकि कोरोनरी कंप्यूटेड टोमोग्राफी एंजियोग्राफी (सीटीए) कोरोनरी धमनी संकुचन की गंभीरता का अनुमान लगा सकती है, लेकिन अब तक CT स्कैन में प्लाक बोझ को मापने का कोई सरल, स्वचालित और तेज़ तरीका नहीं है.

नवीनतम अध्ययन के हिस्से के रूप में, शोधकर्ताओं ने लगभग 2,000 लोगों की CT स्कैन का विश्लेषण किया, जिनकी दुनिया भर में 11 साइटों पर कोरोनरी सीटी एंजियोग्राफी हुई थी.

इसके बाद शोधकर्ताओं ने प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा अध्ययन किए गए कोरोनरी CT स्कैन के पिछले विश्लेषणों के आधार पर प्लाक बोझ को मापने के लिए अपने एआई एल्गोरिदम को प्रशिक्षित किया. फिर उन्होंने पाया कि उनके एआई एल्गोरिदम द्वारा किए गए मापों ने उन अधिकांश लोगों के लिए पांच साल के भीतर दिल के दौरे के खतरे की सटीक भविष्यवाणी की, जो उनके बहु-केंद्र परीक्षण का हिस्सा थे.

एआई एल्गोरिदम CT स्कैन में प्लाक बोझ को केवल पांच-छह सेकंड में निर्धारित कर सकता है, एक प्रक्रिया जिसमें विशेषज्ञ को मैन्युअल रूप से 25-30 मिनट लगते हैं.

इसके बाद शोधकर्ताओं ने UK के आठ अस्पतालों में नियमित कार्डियक सीटी स्कैन से गुजरने वाले 40,000 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया.

बाद में, उन्होंने सूजन वाली धमनियों के आसपास फेट में परिवर्तन की जानकारी के साथ-साथ धमनियों के संकुचन और प्लाक बोझ और अन्य नैदानिक जोखिम कारकों की जानकारी का उपयोग करके, प्रशिक्षित नए AI टूल का उपयोग किया.

श्रीदेवी ने कहा, “दुनिया के पहले पायलट अध्ययन में, टीम ने लगातार 744 रोगियों के लिए चिकित्सकों को एआई-जनित जोखिम स्कोर प्रदान किया, जिसके परिणामस्वरूप चिकित्सकों द्वारा इलाज में बदलाव किए गए. इसके परिणामस्वरूप  हाई रिस्क वाले रोगियों में दिल के दौरे की रोकथाम हो सकती है.”

मुंबई के एसआरवी अस्पताल में कंसलटेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. कोमल पवार ने बताया कि संभावित हृदय संबंधी समस्याओं का जल्द पता लगाने से जीवनशैली में संशोधन या दवा में बदलाव की अनुमति मिलती है, जिससे घातक दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है.

उन्होंने जोर देकर कहा, “जैसे-जैसे एआई उपकरण विकसित होते जा रहे हैं, वैश्विक स्तर पर जीवन बचाने की क्षमता तेजी से बढ़ रही है, जो हृदय स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा में एक परिवर्तनकारी युग का प्रतीक है.”

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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