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Saturday, 16 August, 2025
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मां बनीं महिलाओं को एकांत स्थान पर भेजे जाने को लेकर कर्नाटक सरकार को नोटिस

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नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक खबर को लेकर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है, जिसमें तुमकुरु जिले के बिसाडीहल्ली क्षेत्र में हाल में मां बनीं और मासिक धर्म से गुजर रहीं महिलाओं को दूर और एकांत झोपड़ियों में छोड़े जाने का आरोप लगाया गया है।

बुधवार को जारी एक बयान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि यदि खबर में दी गई जानकारी सही है, तो यह निर्दोष महिलाओं और नवजात शिशुओं के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है।

बयान में कहा गया है कि एनएचआरसी ने एक खबर पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि तुमकुरु जिले के बिसाडीहल्ली इलाके में हाल में सिजेरियन ऑपरेशन कराने वाली 19 वर्षीय को महिला एक दूर और निर्जन इलाके में स्थित झोपड़ी में छोड़ दिया गया है, जहां न तो बिस्तर है और न ही शौचालय।

बयान के अनुसार हाल में मां बनीं और मासिक धर्म से गुजर रहीं महिलाओं के लिए स्थापित परंपरा के तहत ऐसा किया गया है।

बयान में कहा गया है, “खबर के अनुसार, यह प्रथा आज भी कई राज्यों के ग्रामीण इलाकों और कर्नाटक में कडू गोल्ला समुदाय के लोगों के बीच जारी है। इस प्रवास के दौरान, महिलाओं और नवजात बच्चों को न केवल प्रकृति की अनिश्चितताओं बल्कि अस्वच्छ परिस्थितियों और आवारा कुत्तों से उत्पन्न गंभीर खतरों का भी सामना करना पड़ता है।”

एनएचआरसी ने कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।

नोटिस में कहा गया कि रिपोर्ट में उन स्थानों के आंकड़े शामिल होने चाहिए जहां राज्य में ऐसी ‘कुरीतियां अब भी प्रचलित हैं।”

इसके अलावा आयोग ने इस मुद्दे से निपटने के लिए सरकारी अधिकारियों द्वारा उठाए गए या उठाए जाने वाले कदमों का विवरण भी मांगा है।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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