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Sunday, 28 April, 2024
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क्या है नोएडा एसएसपी ‘वायरल वीडियो प्रकरण’ जिसने यूपी के आईपीएस अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा दिया

उत्तर प्रदेश सरकार ने वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया है. वहीं 14 अन्य आईपीएस अधिकारियों को ट्रांसफर किया गया है.

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लखनऊ: इन दिनों नोएडा एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वीडियो लीक कांड के बाद यूपी के आईपीएस अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है. गुरुवार को वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं 14 अन्य आईपीएस अधिकारियों को ट्रांसफर किया गया है.

बीते शुक्रवार को इस मामले पर डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि पूरे मामले को लेकर एडीजी रेंज मेरठ से रिपोर्ट मांगी गई है और एसएसपी नोएडा से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया था कि मामले में एडीजी रेंज मेरठ ने 26 दिसंबर को 15 दिन का और वक्त मांगा था. हमने उन्हें 15 दिन का समय दिया है. दूसरी ओर विपक्ष ने भी सरकार और अफसरशाही पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के तीन कथित अश्लील वीडियो वायरल हुए. गुरुवार को एसएसपी ने इन वीडियो को अपने खिलाफ साजिश बताते हुए गौतमबुद्ध नगर सेक्टर 20 थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसकी जांच एसपी हापुड़ संजीव सुमन को सौंपी गई.

इसके बाद एसएसपी की ओर से शासन को लिखा गया एक पत्र भी वायरल हो गया जिसमें पांच आईपीएस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठा गए थे.

सूत्रों की मानें तो साइबर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम की रिपोर्ट को आधार बनाकर ये आरोप लगाए गए हैं. एसएसपी ने पांच आईपीएस अफसरों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग समेत तमाम संगीन आरोप लगाए हैं जिससे यूपी की आईपीएस लॉबी में हड़कंप मचा है. जिन अधिकारियों पर आरोप हैं उनमें आईपीएस- अजयपाल शर्मा, पुलिस अधीक्षक रामपुर, आईपीएस-2 सुधीर सिंह (एसएसपी गाजियाबाद), आईपीएस-3 गणेश साहा (पुलिस अधीक्षक बांदा), आईपीएस-4 राजीव नारायण मिश्र (तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुशीनगर), आईपीएस-5 हिमांशु (पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर) शामिल हैं. फिलहाल कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा है.

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नोएडा एएसपी वैभव कृष्ण ने बीते साल गिरफ्तार किए गए चार कथित पत्रकारों के काॅल डिटेल, चैट की जांच के आधार पर साइबर इमर्जेंसी रिस्पांस (सीईआरटी) की रिपोर्ट तैयार की थी जिसे डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह को भेजा गया था. रिपोर्ट में न केवल चुनिंदा आईपीएस अफसर के अलावा कुछ इंस्पेक्टर व हेड कांस्टेबल के नाम भी शामिल हैं. इसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल का जिक्र किया गया है.

वहीं सोशल मीडिया पर वायरल एक पत्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में अतुल शुक्ला नाम के एक शख्स का जिक्र है जिसे आरएसएस कार्यकर्ता चंदन शुक्ला का खास बताया जा रहा है.


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वहीं गुरुवार को मेरठ के एक मीडियकर्मी ने नोएडा एसएसपी के खिलाफ एडीजी और आईजी को तहरीर दी है कि उसे हिरासत में लेने का प्रयास किया गया. वह इस मामले को लेकर खबर कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरठ एसएसपी कार्यालय परिसर में नोएडा पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची लेकिन बाद में वापस लौट गई.

क्या है वैभव कृष्ण का पक्ष

एसएसपी वैभव कृष्ण ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि तीन फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं जिनमें पीछे से किसी लड़की की आवाज सुनाई दे रही है और उनका नाम इससे जोड़ा जा रहा है. ये वीडियो साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने के लिए वायरल किए गए हैं.

वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एसएसपी वैभव लेटे हुए लड़की से वीडियो चैटिंग कर रहे हैं और अश्लील बातें हो रही हैं.

डीजीपी ने जताई नाराजगी

इस पूरे मामले की रिपोर्ट लीक होने पर डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि विभाग से जुड़े किसी भी विषय के दस्तावेज लीक करना गैरकानूनी है. इसमें सर्विस नियमों का उल्लंघन किया गया है. वहीं इस बीच सीएम योगी ने पूरे मामले में मेरठ जोन के आईजी से रिपोर्ट मांगी है. सीएम ने मामले का खुद संज्ञान लिया है. उन्होंने आईजी रेंज मेरठ आलोक सिंह से जांच रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी.

आईपीएस एसोसिएशन चुप, सोशल एक्टिविस्ट ने की सीबीआई जांच की मांग

आईपीएस एसोसिएशन की ओर से फिलहाल इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन अमिताभ ठाकुर ने एसोसिएशन की मीटिंग बुलाकर अपना पक्ष रखने की अपील की है. वहीं उनकी पत्नी व सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने मामले की सीबीआई जांच की अपील की है. दिप्रिंट से बातचीत में नूतन ने कहा कि उन्होंने सीएम योगी को एक पत्र लिखकर इस मामले की सीबीआई जांच कराने को कहा है. नूतन का ये भी आरोप है एसएसपी वैभव कृष्ण ने जिन पांच आईपीएस अधिकारियों के नाम लिए हैं, वे डीजीपी ओपी सिंह के खास माने जाते हैं. उन्होंने वायरल हुई रिपोर्ट की सीबीआई जांच कराने के साथ ही संबंधित वायरल वीडियो की जांच उनसे कनिष्ठ अधिकारी एसपी संजीव सुमन के बजाए गैर राज्य की साइबर सेल से कराए जाने की मांग भी की है.


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अखिलेश यादव ने कसा तंज

पूर्व सीएम व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में तंज कसते हुए कहा था कि देखिए कानून-व्यवस्था वाले लोग कहां फंसे हुए हैं. इसकी जिम्मेदार सरकार और उसके मुखिया हैं. आज तो आईपीएस खुद आरोप लगा रहे हैं. इन सबके लिए सरकार जिम्मेदार है, उसके मुखिया जिम्मेदार हैं. इन सब चीजों को देखते हुए समाजवादी पार्टी और उसके नौजवान साइकिल चलाकर रोजगार मांगने का काम करेंगे.

अजय लल्लू ने सरकार पर उठाए सवाल

यूपी कांग्रेस चीफ अजय लल्लू ने इस मामले में सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि योगी सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग के नाम पर घूसखोरी का खुला खेल चल रहा है. प्रदेश के पुलिस महकमे में जिले के जिले खरीदे और बेंचे जा रहे हैं. यह सिर्फ पुलिस विभाग का मसला नहीं है बल्कि पूरी सरकार घूसखोरी और भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है.

लल्लू ने एएसपी वैभव कृष्ण की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि 5 पेज की रिपोर्ट पूरे महकमे में भ्रष्टाचार और घूसखोरी का क्या आलम है, उसको बया कर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी कहां हैं? उनको सामने आकर यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर प्रदेश में चल क्या रहा है.

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1 टिप्पणी

  1. Har dharm sikhata hai aapas me prem se raho nafarat keval vahi sikhata hai jo kisi dharm ko nahi manata

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