नोएडा (उप्र), छह नवंबर (भाषा) साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत शिक्षिका को धन शोधन मामले में नाम आने का डर दिखाकर सात दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ रखा और डरा धमकाकर कथित तौर पर 31 लाख रुपये ठग लिये। पुलिस ने यह जानकारी दी।
साइबर अपराधियों ने खुद को पुलिस व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बताकर लाखों रुपये ऐंठ लिये।
पीड़िता की शिकायत पर साइबर अपराध थाने में बृहस्पतिवार को मुकदमा दर्ज किया गया।
अपर पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) शैव्या गोयल ने बताया कि सेक्टर-100 में रहने वाली पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनके पास 24 अक्टूबर की सुबह जालसाजों ने ट्राई कर्मचारी बनकर फोन किया और कहा कि दो घंटे में उनका सिम बंद हो जाएगा।
महिला ने कारण पूछा तो बताया कि उनके आधार कार्ड से दिल्ली के दरियागंज स्थित एक बैंक की शाखा में खाता खोला गया है और इसमें अवैध रुपये लेनदेन होने पर दरियागंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है।
गोयल ने बताया कि कुछ देर बाद बुजुर्ग के पास ठगों ने दिल्ली पुलिस का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल की और उनके खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज होने की जानकारी दी और उनसे लाखों रुपये ठग लिये।
अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
‘डिजिटल अरेस्ट’ तेजी से बढ़ता साइबर अपराध है, जिसमें जालसाज ऑडियो या वीडियो कॉल पर खुद को कानून प्रवर्तन एजेंसियों, अदालत या सरकारी विभागों के कर्मचारी के रूप में पेश करके पीड़ितों को डराते-धमकाते हैं और उन पर रुपये देने का दबाव बनाते हैं।
भाषा सं शफीक
शफीक
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
