scorecardresearch
Monday, 3 November, 2025
होमदेशकम अटेंडेंस होने पर भी लॉ स्टूडेंट्स को परीक्षा से नहीं रोका जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

कम अटेंडेंस होने पर भी लॉ स्टूडेंट्स को परीक्षा से नहीं रोका जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

अदालत ने साफ कहा कि सिर्फ कम अटेंडेंस की वजह से किसी छात्र को परीक्षा देने से वंचित नहीं किया जा सकता.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि देश में किसी भी लॉ स्टूडेंट को कम अटेंडेंस (उपस्थिति) के कारण परीक्षा देने से नहीं रोका जा सकता.

कोर्ट ने लॉ यूनिवर्सिटीज़ में अनिवार्य अटेंडेंस से जुड़ी कई गाइडलाइंस जारी कीं और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को अटेंडेंस के नियमों में बदलाव करने का आदेश दिया.

अदालत ने साफ कहा कि सिर्फ कम अटेंडेंस की वजह से किसी छात्र को परीक्षा देने से वंचित नहीं किया जा सकता.

यह आदेश जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस शर्मा की बेंच ने दिया.

यह मामला 2016 में लॉ स्टूडेंट सुषांत रोहिल्ला की आत्महत्या से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने उस समय इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए यह केस शुरू किया था. सुषांत को कथित तौर पर अटेंडेंस पूरी न होने के कारण परीक्षा देने से रोका गया था, जिसके बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी.

कोर्ट ने कहा, “सभी पक्षों की दलीलों और हकीकत को देखते हुए अदालत का मानना है कि शिक्षा, खासकर लॉ एजुकेशन में ऐसे सख्त नियम नहीं होने चाहिए, जो स्टूडेंट्स के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालें.”

सुषांत रोहिल्ला एमिटी यूनिवर्सिटी में लॉ के थर्ड ईयर के स्टूडेंट थे. उन्होंने 10 अगस्त 2016 को आत्महत्या की थी. कहा जाता है कि उन्हें कम अटेंडेंस की वजह से परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई थी.

उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वे बहुत निराश महसूस कर रहे हैं और अब जीना नहीं चाहते.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments