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Tuesday, 14 May, 2024
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वर्चुअल G20 शिखर सम्मेलन में फ़िलिस्तीन के 2-राज्य समाधान पर ‘नहीं बनी बात’, शी और बाइडेन नहीं हुए शामिल

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि मोदी की मेजबानी में जी20 शिखर सम्मेलन में गाजा की स्थिति पर कोई प्रस्ताव नहीं आया, लेकिन सभी नेताओं ने 'मानवीय संघर्ष विराम' का स्वागत किया.

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नई दिल्ली: भारत द्वारा बुधवार को आयोजित वर्चुअल G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के दो-राज्य समाधान पर, विश्व नेताओं के बीच कोई सहमति नहीं दिखी. बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और  अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शामिल नहीं हुए, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो दोनों उपस्थित थे.

शी के स्थान पर चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग और बाइडेन की जगह पर अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने बैठक में भाग लिया.

कार्यक्रम के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात से इनकार किया कि शिखर सम्मेलन में गाजा की स्थिति पर कोई प्रस्ताव सामने आया था.

जबकि G20 के कई नेताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, महत्वपूर्ण बात यह है कि शी ने बैठक को छोड़ दिया, भले ही उन्होंने इस सप्ताह आयोजित BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के आभासी सम्मेलन में भी भाग लिया.

वर्चुअल जी20 बैठक की मेजबानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.

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ब्रीफिंग में बोलते हुए, जयशंकर ने कहा, “विचारों में व्यापक समानता थी. क्या गाजा पर G20 का कोई प्रस्ताव था? नहीं… दो-राज्य समाधान पर, कई देशों ने स्पष्ट रूप से भारी मात्रा में, इसके बारे में बात की, लेकिन पूरी ईमानदारी से, हर किसी ने ऐसा नहीं किया. इसलिए, मैं यह नहीं कह सकता कि दो-राज्य समाधान पर आम सहमति थी.”

उन्होंने कहा कि सभी देशों के नेताओं ने गाजा पट्टी पर “मानवीय संघर्ष विराम” के लिए कतर, अमेरिका और मिस्र के बीच सहमति का स्वागत किया.

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने बुधवार को कहा था कि तीनों के मध्यस्थता प्रयासों में फिलिस्तीनी कैदियों के बदले इज़रायली बंधकों की योजनाबद्ध अदला-बदली भी शामिल है.

पुतिन ने वर्चुअल जी20 बैठक में अपने संबोधन में, कथित तौर पर पहली बार, कहा कि यूक्रेन में युद्ध की “त्रासदी” को रोकना आवश्यक था.

ई-वीजा फिर से शुरू करना ‘लॉजिकल’

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के बीच ट्रूडो ने वर्चुअल G20 लीडर्स समिट में भी हिस्सा लिया. भारत द्वारा कनाडा के नागरिकों के लिए ई-वीजा सेवाएं फिर से शुरू करने के कुछ घंटों बाद उन्होंने अपनी भागीदारी की पुष्टि की थी, जिसे “सुरक्षा” विचारों के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था.

जयशंकर ने कहा, “हमने वीजा जारी करने को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था क्योंकि कनाडा की स्थिति के कारण हमारे राजनयिकों के लिए कार्यालय जाना और वीजा प्रसंस्करण के लिए आवश्यक कार्य करना मुश्किल हो गया था.”

उन्होंने कहा, “चूंकि वहां स्थिति अधिक सुरक्षित या अपेक्षाकृत बेहतर हो गई है, मुझे लगता है कि इसलिए हमने वीज़ा सेवाओं को फिर से शुरू करना को सोचा. मुझे लगता है कि यह एक तार्किक परिणाम था.”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जो प्रेस ब्रीफिंग में मौजूद थीं, ने कहा कि “क्रिप्टोकरेंसी रोडमैप” पर बड़ा टेम्पलेट तैयार था, लेकिन क्रिप्टो परिसंपत्तियों के संबंध में राष्ट्रों को अंततः अपने स्वयं के विधायी ढांचे पर अंतिम निर्णय लेना होगा.

उन्होंने कहा, “शायद ब्राजील के प्रेसीडेंसी की शुरुआती चरण में कुछ और स्पष्टीकरण सामने आएगा.”

ब्राज़ील 2024 में G20 की अध्यक्षता संभालेगा.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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