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Thursday, 7 November, 2024
होमदेशनीतीश कुमार शातिर नेता हैं उन्होंने अपना असली सांप्रदायिक चरित्र दिखाया है : तेजस्वी यादव

नीतीश कुमार शातिर नेता हैं उन्होंने अपना असली सांप्रदायिक चरित्र दिखाया है : तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से उसके 'विभाजनकारी एजेंडे और 15 साल के कुशासन' के खिलाफ मुकाबला करने के लिए तैयार है.

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि दिल्ली के मतदाताओं ने ‘असली राष्ट्रवाद’ अपनाकर रास्ता दिखा दिया है और अब बिहार के मतदाताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए उन्हीं का अनुकरण करना चाहिए. क्योंकि कुमार को सीएए जैसे मुद्दों पर अपना ‘धर्मनिरपेक्ष नकाब’ उतार फेंकने में भी कोई गुरेज नहीं है.

यादव ने 23 फरवरी को पटना में विशाल रैली के बाद शुरू हो रही अपनी ‘बेरोजगारी हटाओ यात्रा’ से पहले कहा कि बिहार में राजग सरकार के विभाजनकारी एजेंडे को हराने का जिम्मा विपक्ष पर है और उसे ‘दुर्जेय एवं एकजुट’ विकल्प देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि महागठबंधन विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से उसके ‘विभाजनकारी एजेंडे और 15 साल के कुशासन’’ के खिलाफ मुकाबला करने के लिए तैयार है.

बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने सीएए (संशोधित नागरिकता कानून), एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी), और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) की कभी आलोचना नहीं की है. उन्होंने हाल के आरक्षण मुद्दे पर भी एक भी शब्द नहीं बोला. उनमें भाजपा की किसी भी नीति की आलोचना करने का साहस नहीं है.’

यादव ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने संसद में संशोधित नागरिकता कानून पारित कराने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद की, कुमार ने सिर्फ इतना कहा कि उनकी सरकार राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेगी.

तीस वर्षीय नेता ने कहा, ‘नीतीश कुमार शातिर नेता हैं. उन्हें मालूम है कि भाजपा एक बार एनआरसी को कानून बनाती है तो वह उसे मानने के सिवा कुछ नहीं कर सकते हैं. तब वह फिर संवैधानिक प्रावधानों के आलोक में चिल्ला-चिल्लाकर अपनी असमर्थता प्रदर्शित करेंगे. उनकी पार्टी संसद में कैब पर मतविभाजन के दौरान फर्क ला सकती थी लेकिन वहां उन्होंने अपना असली सांप्रदायिक चरित्र दिखाया.’

यादव ने आरोप लगाया कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी की पूरी कवायद राजनीतिक लाभ के लिए देश को धार्मिक आधार पर बांटना और ध्रुवीकरण करना है और कुमार को अपना असली रंग दिखाने के लिए ‘धर्मनिरपेक्ष नकाब’ को उतार फेंकने में कोई हिचक नहीं है.

आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली चुनाव की शानदार जीत का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कहा कि संदेश न केवल बिहार चुनाव बल्कि पूरे देश के लिए बिल्कुल स्पष्ट है कि यदि सरकार जरूरी सुविधाओं और सामाजिक एवं वित्तीय सुरक्षा के लिए काम करती है तो ध्यान बंटाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होता है.

राजद नेता ने कहा, ‘नागरिकों का कल्याण असली राष्ट्रवाद है. लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना राष्ट्र के लिए आपदा साबित हो रही है. युवा सड़कों पर लड़ रहे हैं, भीड़ द्वारा हत्या की जा रही है, गालियां दी जा रही हैं. केंद्रीय मंत्री नागरिकों को उन लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए भड़का रहे हैं जो सरकार से सवाल कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि 15 सालों तक सत्ता में रहने के दौरान कुमार अपने शासन को सुशासन बताते रहे और उनकी छवि को चमकाने में लगे मीडिया घरानों की जेब भरने के लिए सरकारी खजाने का दुरूपयोग करते रहे.

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन बिहार में सोशल मीडिया और ऑनलाइन खबरिया मंचों के आने से सुशासन के सारे दावे बेनकाब हो गये और सरकार का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ गया.

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