पटना, चार अगस्त (भाषा) झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) संस्थापक शिबू सोरेन के निधन पर बिहार के कई नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
शिबू सोरेन ने राज्य के विभाजन से काफी पहले ही एक प्रखर आदिवासी नेता के रूप में अपनी शुरुआत की थी और आगे चलकर झारखंड की राजनीति में अपना दबदबा बनाया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड के अपने पूर्व समकक्ष को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और पड़ोसी राज्य की राजनीति में उनके ‘‘महत्वपूर्ण योगदान’’ को याद किया।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी का निधन दुःखद है। स्वर्गीय शिबू सोरेन जी एक प्रख्यात राजनेता थे। वह तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। झारखंड की राजनीति में उनका अहम योगदान रहा है। उनके निधन से न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।’’
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बाद में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में सोरेन के कैबिनेट सहयोगी रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ‘‘सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण’’ के लिए ‘‘अपने साझा संघर्षों की यादों’’ का जिक्र किया।
प्रसाद की पार्टी सोरेन की झामुमो की गठबंधन सहयोगी है। उन्होंने अपने दिवंगत सहयोगी को ‘‘दिशोम गुरु जी’’ कहकर संबोधित किया, जो संथाली भाषा का सम्मानजनक संबोधन है। आदिवासी आबादी उनके प्रति श्रद्धा दर्शाते हुए उन्हें संथाली में ‘‘दिशोम गुरु’’ से संबोधित करती है।
प्रसाद ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संघर्षों के हमारे साथी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जी के निधन से मर्माहत हूं। उनके साथ साझा संघर्षों की कई यादें जुड़ी है। सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के उत्थान में उनकी महत्ती भूमिका रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समस्त राष्ट्रीय जनता दल परिवार दुख की इस घड़ी में गुरु जी के परिजनों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त करता है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा परिजनों व शुभचिंतकों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।’’
बिहार विधानसभा में वर्तमान में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोरेन को ‘‘अपना अभिभावक’’ कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, कद्दावर नेता, गरीब वंचित उपेक्षित और मेहनतकश वर्गों के स्वर, आदिवासी अधिकारों के प्रबल पैरोकार अभिभावक दिशोम गुरु श्री शिबू सोरेन जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। सामाजिक न्याय और आदिवासी कल्याण के लिए किए गए उनके ऐतिहासिक कार्यों को सदैव याद रखा जाएगा।’’
भाषा सुरभि नरेश
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