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Sunday, 5 May, 2024
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हिमाचल के नौ और विधायक हमारे संपर्क में, मुख्यमंत्री की कार्यशैली से महसूस कर रहे हैं घुटन: राणा

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शिमला/चंडीगढ़, दो मार्च (भाषा) हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा ने शनिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली से ‘‘घुटन महसूस कर रहे’’ पार्टी के नौ और विधायक उनके संपर्क में हैं।

राणा ने कांग्रेस के पांच अन्य विधायकों के साथ राज्यसभा चुनावों में ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी। विधानसभा में कटौती प्रस्ताव और वित्त विधेयक पर मतदान से अनुपस्थित रहने को लेकर उन्हें सदन से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

राणा ने पीटीआई की वीडियो सेवा को दिये एक साक्षात्कार में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुक्खू के ‘‘मित्र’’ राज्य में सरकार चला रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि निर्वाचित प्रतिनिधि, विशेष रूप से मंत्री ‘‘घुटन और अपमानित’’ महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह, और तीन निर्दलीय विधायकों के अलावा पार्टी के नौ और विधायक हमारे संपर्क में हैं।’’

राणा ने सुक्खू को ‘सबसे झूठा’ करार दिया और आरोप लगाया कि वह तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘न तो लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया था कि वह पंचकूला में कांग्रेस के बागियों से मिल रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री ने उन्हें भेजा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विक्रमादित्य सिंह हमें दिल्ली जाते समय मिले थे। उन्होंने हमें सुलह करने के लिए नहीं कहा। सरकार के खिलाफ उनकी अपनी शिकायतें हैं जो वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध कराने में विफल रही और उनके कामकाज में हस्तक्षेप किया।’’

सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें सूचित किया था कि कांग्रेस के कुछ बागियों ने उनसे संपर्क किया और उन्होंने वापस आने की इच्छा जताई, जिसके बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री को बागी विधायकों और कांग्रेस कें केंद्रीय नेतृत्व के साथ बात करने को कहा गया था।

कांग्रेस में वापसी की किसी भी संभावना से इनकार करते हुए राणा ने कहा, ‘‘पर्यवेक्षकों के यह कहने के बाद कि सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे, समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी बागी विधायक वापस नहीं आना चाहता। हिमाचल प्रदेश को पीछे ले जाने वाले मुख्यमंत्री के साथ काम करने का सवाल ही नहीं उठता और हमने अपने रुख से उन पर्यवेक्षकों को भी अवगत करा दिया है जिन्होंने हमें फोन किया था।’’

हिमाचल से राज्यसभा के लिए हुए एकमात्र सीट पर चुनाव में भाजपा ने 25 विधायकों के साथ अल्पमत में रहने के बावजूद मंगलवार को जीत दर्ज की।

राज्यसभा चुनावों में हुई ‘क्रॉस-वोटिंग’ का बचाव करते हुए राणा ने कहा, ‘‘हम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर चुकीं आशा कुमारी, रामलाल ठाकुर और कौल सिंह जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी कर एक बाहरी व्यक्ति अभिषेक मनु सिंघवी को (राज्यसभा चुनाव में हिमाचल से) टिकट दिये जाने से नाराज हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने हिमाचल प्रदेश के स्वाभिमान और हितों की रक्षा के लिए क्रॉस वोटिंग की… हम अपमान झेलने के बजाय घर बैठना पसंद करेंगे।’’

सोलन जिले के धरमपुर में शुक्रवार को एक जनसभा में मुख्यमंत्री द्वारा की गई एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए राणा ने कहा कि सुक्खू ने ‘‘अपना मानसिक संतुलन खो दिया है’’ और कहा कि कांग्रेस सरकार के स्थिर रहने का दावा ‘‘झूठा’’ है।

सुक्खू ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के छह ‘काले सांपों’ ने अपना सम्मान बेच दिया और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं वाले बजट पर मतदान से अनुपस्थित रहकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की।

राणा ने कहा, ‘‘यदि मुख्यमंत्री बहुमत के प्रति आश्वस्त हैं तो कांग्रेस के कुछ विधायकों की सुरक्षा क्यों बढ़ा दी गई है और विधायकों को लुभाने की कोशिश क्यों की जा रही?’’

उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला भाजपा का गढ़ रहा है, जो सभी पांच विधानसभा सीट जीतती रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारे(कांग्रेस के) कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत रंग लाई और भाजपा 2022 के विधानसभा चुनावों में इस जिले में अपना खाता तक खोलने में विफल रही…फिर भी हमीरपुर में कांग्रेस नेताओं को दरकिनार कर दिया गया, जो मतदाताओं को नागवार गुजरा है।’’

राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री बड़ा दिल रखने के बजाय तुच्छ हरकतों पर उतर आए और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा तथा के.एल. ठाकुर के परिवारों के ‘स्टोन क्रशर’ बंद कर दिए गए।

कांग्रेस के एक और अयोग्य घोषित किए गए विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा, ‘‘कुछ लोग अब हमें बागी या गद्दार कह रहे हैं। लेकिन हम ऐसे नहीं हैं। हमने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी। यह हमारा व्यक्तिगत निर्णय था।’’

वहीं, सुक्खू ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस के 80 प्रतिशत विधायक एकसाथ हैं और शेष लोग मामूली बातों को लेकर हमसे नाराज हैं। चीजों को स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है, इसलिए मैंने उनसे (अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के छह विधायकों) चर्चा की है।’’

भाजपा के इस दावे के बारे में कि हिमाचल प्रदेश सरकार गिर सकती है, मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘क्रॉस वोटिंग’ के बाद उसके हौसले बुलंद हैं लेकिन इस तरह की स्थिति दोबारा पैदा नहीं होगी।

आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर सुक्खू ने कहा, ‘‘समन्वय समिति के गठन के बाद स्थिति निश्चित रूप से बेहतर हो जाएगी। हम पूरी ताकत से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने पिछले 14 महीनों में राज्य में ईमानदार और पारदर्शी शासन दिया है।’’

भाषा सुभाष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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