नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) साजिश मामले में गुरुवार को केरल में 56 स्थानों पर छापेमारी की.
गृह मंत्रालय द्वारा इस साल सितंबर में अपने सहयोगियों के साथ प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के कैडरों और सहयोगियों के साथ संबंध रखने वाले कई संदिग्धों के परिसरों और कार्यालयों में तलाशी अभी भी जारी है, जो इसे गैरकानूनी संगठन घोषित करके गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर रहे हैं.
पीएफआई कैडरों के खिलाफ विशेष जानकारी मिलने के बाद गुरुवार तड़के राज्य पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी शुरू की गई, जिन पर संजित (केरल, नवंबर 2021), वी-रामलिंगम (तमिलनाडु, 2019), नंदू (केरल, 2021), अभिमन्यु (केरल, 2018), बिबिन (केरल, 2017), शरत (कामाटक, 2017), आर. रुद्रेश (कर्नाटक, 2016) प्रवीण पुयारी (कर्नाटक, 2016), और शशि कुमार (तमिलनाडु, 2016) सहित कई व्यक्तियों की हत्या का आरोप है.
एमएचए ने ‘वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों’ का भी उल्लेख किया है, और संगठन के कुछ कार्यकर्ता इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल हो गए हैं और सीरिया, इराक और अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों में भाग लिया है.
आईएसआईएस से जुड़े पीएफआई के इन कार्यकर्ताओं में से कुछ इन संघर्ष वाले क्षेत्रों में मारे गए हैं और कुछ को राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
एनआईए ने इस साल अब तक पीएफआई कैडरों के खिलाफ देश भर में 150 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली थी.
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