नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र के पालघर में तीन व्यक्तियों की कुछ लोगों द्वारा पीट-पीटकर की गयी कथित हत्या (लिचिंग) की घटना के सिलसिले मंगलवार को राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा.
आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने राज्य सरकार से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और अपराधियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई एवं मारे गये व्यक्तियों के रिश्तेदारों को यदि कोई राहत पहुंचायी गयी तो उसका ब्योरा बताने कहा है.
एनएचआरसी ने कहा कि इस घटना के संबंध में उसे शिकायत मिली थी जिसके आधार पर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को 16 अप्रैल को पालघर में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तीन व्यक्तियों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गयी कथित हत्या को लेकर नोटिस जारी किया गया है.
आयोग ने कहा कि यह घटना जनसेवकों की लापरवाही को दर्शाती है.
उसने कहा कि अनियंत्रित भीड़ द्वारा वह भी तब, जब देशव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रशासन एवं पुलिस की अतिरिक्त चौकसी है, उस दौरान ऐसे वहशियाना तरीके से पीट-पीटकर तीन व्यक्तियों की हत्या कर देना इन व्यक्तियों के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है.
विहिप ने केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की
विश्व हिंदू परिषद् की जम्मू-कश्मीर इकाई ने मंगलवार को मांग की कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो साधुओं सहित तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कथित तौर पर जान लेने की घटना की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए.
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने मांग की कि एक-दो महीने के अंदर मामले पर निर्णय के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालत का गठन किया जाए.
भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने की घटना 16 अप्रैल की रात की है। मुंबई के कांदीवली से तीन लोग एक कार से सूरत जा रहे थे तभी पालघर जिले के गडचिंचाले गांव में उनके वाहन को रोका गया और चोर होने के संदेह में भीड़ ने डंडे से पीट-पीटकर तीनों की हत्या कर दी.
गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘माकपा के गढ़ में हत्याएं हुई हैं और मामले में पांच मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं. हिंदुओं और संत समाज के अलावा देश भर में मानवीय मूल्यों में विश्वास करने वालों की भावनाओं को आहत करने वाली इतनी जघन्य घटना कभी नहीं हुई.’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के राजनीतिक उत्तराधिकारी को इस घटना पर प्रतिक्रिया देने में दो दिन लग गए.
गुप्ता ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि मामले में आरोपी सभी लोगों को गिरफ्तार किया जाए और विशेष फास्ट ट्रैक अदालत में उन पर मुकदमा चले और एक से दो महीने के अंदर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले. अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम लॉकडाउन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र में इस ‘गुंडाराज’ को खत्म करने के लिए अभियान चलाएंगे.’’