नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कबूतरों को दाना खिलाने से पर्यावरण और स्वास्थ्य को खतरा होने संबंधी चिंता जताने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार और अन्य से जवाब मांगा है।
एनजीटी के अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा, ‘‘आवेदक की दलील है कि कबूतरों को दाना खिलाने और उनकी संख्या बढ़ने के बाद दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में फुटपाथ, रास्तों और यातायात वाले क्षेत्रों में कबूतर मल करते हैं और जब इन क्षेत्रों की सफाई की जाती है तो सूखे मल के विषैले तत्व धूल में मिल जाते हैं, पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।’’
याचिका में कहा गया है कि कबूतरों के मल से हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस जैसी ‘‘फेफड़ों की गंभीर बीमारियां’’ होती हैं, जिसमें फेफड़ों में जख्म होने और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं होती हैं।
अधिकरण ने 29 मई के अपने आदेश में कहा, ‘‘मूल आवेदन (ओए) पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाता है।’’
उसने कहा, ‘‘प्रतिवादियों को हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब/उत्तर दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।’’
प्रतिवादियों में दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और अन्य शामिल हैं।
सुनवाई 8 अक्टूबर के लिए निर्धारित की गई है।
भाषा वैभव पवनेश
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