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Friday, 22 November, 2024
होमदेशहरियाणा में ‘ऑनर किलिंग’ के डर से पुलिस सुरक्षा की मांग करने वाले नवविवाहित जोड़े की गोली मारकर हत्या

हरियाणा में ‘ऑनर किलिंग’ के डर से पुलिस सुरक्षा की मांग करने वाले नवविवाहित जोड़े की गोली मारकर हत्या

पुलिस का कहना है कि पति-पत्नी ने पुलिस सुरक्षा के लिए आवेदन किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना अनुरोध वापस ले लिया. हरियाणा के हिसार में हांसी शहर के एक पार्क में सोमवार की सुबह उन पर हमला किया गया.

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दिल्ली: शादी के दो महीने बाद और पुलिस सुरक्षा मांगने के सात हफ्ते बाद, सोमवार को हरियाणा के हिसार जिले के हांसी शहर में एक जोड़े की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हालांकि, बाद में जोड़े ने अपना अनुरोध वापस ले लिया था, लेकिन पुलिस को संदेह है कि यह ‘ऑनर किलिंग’ का मामला हो सकता है.

पति-पत्नी तेजवीर सिंह और मीना लाला हुकुम चंद जैन पार्क में थे, जब मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने उन पर सात राउंड गोलियां चलाईं. पुलिस के अनुसार, जोड़े की मौके पर ही मौत हो गई. बाद में उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया.

तेजवीर हांसी के बडाला गांव और मीना सुल्तानपुर गांव के रहने वाली थी. पुलिस ने बताया कि लड़की के परिवार द्वारा विवाह का विरोध करने के बाद 22 अप्रैल को दोनों ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भागकर शादी कर ली थी.

हांसी के पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद ने दिप्रिंट को बताया, “हमें संदेह है कि यह ‘ऑनर किलिंग’ का मामला है, क्योंकि लड़की का परिवार शादी से नाराज़ था. वे एक ही जाति के थे और दूर के चचेरे भाई-बहन थे. हम अभी भी मामले की जांच कर रहे हैं.”

हांसी सिटी थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस ने दोनों परिवारों को हत्याओं के बारे में सूचित किया था, लेकिन केवल तेजवीर के परिजन थाने और श्मशान घाट पहुंचे, लड़की के परिवार वाले नहीं आए.

जांच के दौरान पता चला कि जोड़े ने अपनी शादी के तुरंत बाद 1 मई को पुलिस सुरक्षा के लिए आवेदन किया था.

अहमद ने कहा, “हालांकि, उन्होंने तीन दिन सुरक्षित घर में रहने के बाद अपना आवेदन वापस ले लिया. हम जांच कर रहे हैं कि उन्होंने आवेदन क्यों वापस लिया और वे कहां रह रहे थे.”


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हरियाणा में इस महीने में तीसरी संदिग्ध ‘ऑनर किलिंग’

हत्या का यह नया प्रकरण इस जून में हरियाणा में तीसरी संदिग्ध ‘ऑनर किलिंग’ का मामला है.

18 जून को कैथल में एक नाबालिग ने अपनी बड़ी बहन की गोली मारकर हत्या कर दी, जब वे उससे मिलने के बहाने उसके ससुराल पहुंचा. हत्या के कुछ ही मिनटों बाद, वो इंस्टाग्राम पर लाइव आया, इस बारे में शेखी बघारी और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. कैथल पुलिस के अनुसार, लड़की के परिवार ने हत्या की साजिश रची और नाबालिग को इसे अंजाम देने का निर्देश दिया.

कैथल सिटी पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी बिजेंद्र सिंह ने दिप्रिंट को बताया, “परिवार ने नाबालिग भाई को किशोर कानून के तहत कम सज़ा के कारण अपनी बहन की हत्या करने का निर्देश दिया था.”

मृतक कोमल रानी, ​​जो कि गुर्जर समुदाय से थीं, ने चार महीने पहले अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के अनिल राजपूत से शादी की थी.

एक अन्य मामले में 65-वर्षीय जगदीश सिंह को 19 जून को अपनी बेटी सर्वजीत कौर की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि वे फोन पर एक लड़के से बात कर रहीं थीं. सिंह पर आरोप है कि उसने इस महीने की शुरुआत में लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था और दावा किया था कि उसकी मौत दिल के दौरे के कारण हुई थी.

सामाजिक कार्यकर्ता करतार सिंह द्वारा सर्वजीत की मौत पर संदेह जताए जाने के बाद जगदीश ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी गई.

जगदीश ने पुलिस को बताया कि सर्वजीत और उसका कथित प्रेमी करण एक ही जाति के थे, लेकिन लड़के का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और उसके पास ज़मीन भी कम थी.

‘उचित कानून की ज़रूरत’

हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने इस साल फरवरी में कहा था कि हरियाणा सरकार ने 2019 से 2023 के बीच 24 संदिग्ध ‘ऑनर किलिंग’ के मामले दर्ज किए हैं.

हालांकि, कार्यकर्ताओं का तर्क है कि वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा है.

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में महिला अध्ययन अनुसंधान केंद्र की निदेशक ऋचा तंवर ने दिप्रिंट को बताया, “उचित कानून की ज़रूरत है. जब तक हमारे पास उचित कानून नहीं होगा, ऐसी मौतों का सही तरीके से दस्तावेज़ीकरण नहीं किया जा सकेगा.”

विवाह संबंधों के कारण बहिष्कार के एक अन्य मामले में बिगोपुर गांव के निवासी बस स्टैंड, बैंक और मुख्य सड़क तक नहीं पहुंच सकते हैं, क्योंकि उन्हें पड़ोसी धोलेरा गांव के स्थानीय लोगों ने “समाज से अलग कर दिया” है. यह धोलेरा की परवीना और बिगोपुर के विकास के 9 जून को भाग जाने के बाद हुआ. दंपति एक ही जाति और आर्थिक पृष्ठभूमि से हैं, लेकिन कहा जाता है कि उन्होंने दोनों गांवों के भाईचारे को तोड़ दिया है.

लड़के का गांव लड़की के गांव से दो किलोमीटर दूर है और ग्रामीणों के अनुसार, इस शादी ने गांवों के बीच “भाईचारे” को नुकसान पहुंचाया है. धोलेरा गांव के राम सिंह यादव ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, “इस शादी ने हमारे गांव का नाम खराब किया है और भाईचारे को खत्म किया है. जोड़ा भाई-बहन था, वे शादी कैसे कर सकते हैं?”

यह जोड़ा फिलहाल नारनौल में पुलिस सुरक्षा में एक सुरक्षित घर में रह रहा है.

हालांकि, ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि पंचायत द्वारा शादी को रद्द किया जाए और लड़की को वापस किया जाए, अन्यथा बहिष्कार जारी रहेगा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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