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रविवार, 25 मई, 2025
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पालियन जनजाति के जीवन की झलक प्रदान करता है नया उपन्यास ‘इफ ओनली दे न्यू’

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नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) बेंगलुरु में रहने वालीं चिकित्सक माधवी एन गुनाशीला ने अपने नए उपन्यास ‘इफ ओनली दे न्यू’ में आदिवासी द्रविड़ जनजाति (पालियन) के जीवन की झलक दिखाई है। यह दक्षिणी शहर मदुरै और उसके आस-पास के इलाकों में घटित एक अपराध से जुड़ी काल्पनिक कहानी है और इसके कुछ पात्र पालियन जनजाति के हैं।

उपन्यास का नायक अलागावेल है, जो एक युवा उद्यमी है और एक ट्रैवल कंपनी ‘ट्रेलब्लेजर्स’ का मालिक है। नायक अपनी टीम को एक आकर्षक व्यवसाय में ले जाता है, जो एक ओर लाभदायक भी है और दूसरी तरफ इसके साथ कुछ परेशानियां भी आती हैं।

यह गुनाशीला की दूसरी किताब है। उनकी पहली किताब 2012 में प्रकाशित लघु कथा संग्रह ‘ए ब्रिगैंड फॉर ए नाइट एंड अदर टेल्स’ थी।

पुस्तक की प्रस्तावना में वह पालियन जनजाति के बारे में लिखती हैं और बताती हैं कि किस तरह से इन खानाबदोश लोगों का जंगलों से जुड़ाव है। वे तमिलनाडु और केरल के क्षेत्रों में दक्षिण पश्चिमी घाट की शोला पहाड़ियों में रहते हैं।

गुनाशीला का कहना है कि दक्षिण पश्चिमी घाट में बड़े पैमाने पर हो रही वनों की कटाई के कारण पालियन जनजाति का भविष्य फिलहाल अंधकारमय नजर आ रहा है।

भाषा संतोष दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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