नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन के चलते लोग घरों में बंद हैं, लोगों का समय काटे नहीं कट रहा है ऐसे में बच्चों और देशवासियों को देश की संस्कृति से जोड़ने के लिए नित्य नए प्रयास में जुटी है.इसी कड़ी में जलशक्ति मंत्रालय ने नदियों से जुड़ी संस्कृति, सभ्यता और जानकारियों के साथ लोगों को एकबार फिर से रिचार्ज करने की कोशिश की है. मंत्रालय ने एक ऑनलाइन क्विज शुरु किया है.जिसमें गंगा नदी और उससे जुड़ी सभ्यता, मान्यता और संस्कृति पर आधारित लोगों से सवाल पूछे जा रहे हैं.
नमामि गंगा प्रोजेक्ट (एनएमसीजी) के महानिदेशक रंजन मिश्रा ने दिप्रिंट को बताया, ‘स्कूल और कॉलेज इन दिनों बंद हैं. लॉकडाउन की स्थिति में बच्चे घरों में है. इस स्थिति में उन्हें जोड़ने के लिए हमने ये पहल की है. बच्चे और युवा इसे लेकर उत्साहित भी हैं.’
वह आगे कहते हैं, ‘बच्चों और युवाओं को जल संसाधन के संचय और संरक्षण के माध्यम से नदियों के साथ एक संबंध बनाने और जागरुक करने का यह महत्वपूर्ण समय है.’
खेल खेल में जुड़ जाएंगे गंगा से
जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार, ‘कोई भी आम नागरिक इस वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवा कर क्वीज़ में हिस्सा ले सकता है. इस क्वीज में हिस्सा लेने वाले लोगों को चार श्रेणियों में बांटा गया है. पहले श्रेणी में कक्षा 8 व उससे कम्र वाले छात्र, दूसरी श्रेणी में कक्षा 9 से 10, तीसरी श्रेणी में कक्षा 11 वीं और 12 वीं के छात्र होंगे. वहीं चौथी श्रेणी में व्यस्क और वरिष्ठ नागरिक हिस्सा लेंगे.
यह क्विज हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में खेला जाएगा. तीन चरणों में होने वाली इस प्रतियोगिता में दस प्रश्नों के जवाब देना अनिवार्य होगा. 7 अप्रैल से शुरु हुई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में अब तक साढें छह लाख लोग पंजीयन करवा चुके है. अधिकारी ने यह भी बताया कि हर दिन इससे लोग जुड़ रहे हैं और मजेदार बात यह है कि इस प्रतियोगिता को खेलने में जितनी रूचि बच्चे ले रहे हैं उससे कहीं ज्यादा उत्साहित उनके माता-पिता और दादा-दादी हैं.
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22 मई अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के दिन इसका समापन होगा. 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस को इसके नतीजे घोषित किए जाएंगे.जिस प्रतियोगी ने तीनों राउंड में सबसे अधिक सही सवाल जवाब दिए होंगे वह विजेता घोषित किए जाएंगे और उन्हें मंत्रालय द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.
अतुल्य गंगा एनजीओ के सदस्य, सेवानिवृत्त कर्नल मनोज किश्वर ने दिप्रिंट से कहा, ‘लॉकडाउन होने के बाद से पर्यावरण और नदियां साफ हुई है. इसे हम देख भी पा रहे हैं. यह एक अच्छा समय है जब हम बच्चों को यह बता सके कि गंदी गंगा और साफ गंगा में क्या अंतर है. ताकि वे भी इसे समझ सके. यह मौका ही हम उन्हें नदियों और पर्यावरण को साफ रखने के लिए प्रेरित कर सकते है. सरकार की यह अच्छी पहल है. इस तरह के क्विज से बच्चों और युवाओं को जोड़ रहे है. ताकि सभी गंगा की सभ्यता,संस्कृति पहचान सके.